Mission Majnu Review: सिद्धार्थ मल्होत्रा और रश्मिका मंदाना की फिल्म मिशन मजनू नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है। आइए कहानी, डायरेक्शन, म्यूजिक और एक्टिंग के जरिए जानते हैं कि फिल्म देखी जानी चाहिए या नहीं। कहानी: Mission Majnu पाकिस्तान में एक भारतीय जासूस की कहानी है। 1974 में भारत ने सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण कर दुनिया […]
Action Hero बनना हर ड्रामा हीरो का सपना होता है। शाहरुख खान ड्रामा रोमांस में बढ़िया कर रहे थे पर उनको भी एक समय लगा कि नहीं यार, हीरो होना तबतक मुमकिन ही कहाँ है जबतक कोई किसी को पटक के दस-बीस जड़ न दे। यही चुल शायद ‘भले ऐक्टर’ आयुष्मान खुराना को भी हुई […]
Gandhi Godse Ek Yuddh Review: मार्वल की what if सीरीज़ को सीरीअस ले गए राजकुमार संतोषी मोहनदास करमचंद Gandhi के जितने फॉलोवर्स हैं उतने ही आधुनिक भारत में उन्हें गाली देने वाले पैदा हुए हैं। अच्छा Gandhi को गाली देनी है तो सिम्पल है, गोडसे की तारीफ शुरु कर दो। ये एक मुद्दा बरसों से […]
Salman Khan ने कभी-ईद कभी-दीवाली को बदलकर किसी का भाई किसी की जान, bhaijaan क्यों किया? Salman Khan कि फैन फालोइंग का तो कोई जवाब नही, इसपे तो अपन लोगों को कोई शक नहीं कि एक तरफ छपरी-टपरी की भीड़ एक था टाइगर, टाइगर ज़िंदा है, टाइगर मेरे चाचा का लड़का था, टाइगर फिर से […]
Pathaan Review: कहानी सिम्पल है, एक Pathaan है जो कभी Jocr बोले तो जॉकर, भारत की एक सीक्रेट आर्गेनाइजेशन के लिए काम करता है। पर अब गायब है। क्यों? क्योंकि 2 साल पहले एक प्राइवेट आतंकी जिम को पकड़ने के लिए उसने रुबीना उर्फ रुबाई की मदद ली थी। जिम को पकड़ना इसलिए ज़रूरी था […]
Kuttey से 14 साल पहले, विशाल भरद्वाज जब 2009 में कमीने लेकर आए थे, तब देखते ही पहली नज़र में लगा था कि विशाल कुआंटिन टेरेंटिनों (हॉलिवुड के मशहूर सनकी निर्देशक) से थोड़े बहुत इन्सपायर हैं। लेकिन Kuttey देखते समय ऐसा लगा कि विशाल के पुत्तर जी ‘आसमान’ अमेरिका में कुआंटिन के घर बर्तन भी […]
ढेर हंगामे और घणी नौटंकी के बाद चाचा कैमरून की Avatar 2 (द्वितीय) पर्दे पर सुबह 6 बजे ही आ गई। पर मैं जिस शो को देखने पहुँचा वो साढ़े आठ का था। शुरुआत हुई नीली बिल्ली नायित्री से जो हाथ में मोतियों की माला लिए कोई अफ्रीकन गाना गा रही थी। नरेशन में मा’जेक […]
2 ऑक्टूबर को क्या हुआ था? जिसने भी Drishyam देखी है वो गाँधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती से पहले यही बताएगा कि 2 ऑक्टूबर को स्वामी चिन्मयानंद का सत्संग हुआ था जिसमें विजय सलगाओकर और उसकी फैमिली पणजी गए थे। वहाँ उन्होंने पाव भाजी खाई थी। फिर उन्होंने फिल्म देखी थी। वो सिनेमा […]
Kantara Review: फिल्म क्रिटिक के लिए दो तरह की फिल्में होती हैं, एक वो जिनमें इस्तेमाल हुई कहानी, संगीत, कला, कॉस्टयूम आदि की वो तारीफ कर सकते हैं। और दूसरी वो जिनमें इन्हीं कहानी, कला, संगीत, कॉस्टयूम, निर्देशन आदि में से कमियाँ निकाल सकते हैं। लेकिन अब मैं तीसरी किस्म की फिल्म देख चुका हूँ। […]