Virgin Mother Book Review: समय एक बिजनेसमैन है और उसे यंग बिजनेसमैन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिलने वाला है। इस अवॉर्ड के लिए इससे पहले सुहाना और उससे भी पहले उसके पिता यानी समय के नाना जी को नॉमिनेशन मिल चुका था किताब वर्जिन मदर के राइटर संतोष कुमार जी से जब मेरी […]
Uljhan Buljhan Pyaar Book Review: राजू से दूर होने और अपने परिवार के व्यवहार की वजह से जया के अंदर रिश्तों को लेकर नफरत पैदा होने लगती है। वो किसी भी तरह के रिश्ते में बंधने से इंकार करती है। उसके लिए रिश्तों का मतलब केवल पिंजरा होता है। जब मैंने किताब को पढ़ने से […]
Googly Book Review: पीले रंग की इस किताब पर जब मेरी नजर पड़ी तो नाम को पढ़ते ही मुझे भारतीय क्रिकेट टीम की याद आ गई। और जब मैंने स्कूल बैग लिए स्टूडेंट को देखा तो मुझे समझ आ गया कि किताब…। अगर आप अपने स्कूल के दिन, दोस्तों को और क्रिकेट को बहुत मिस […]
Gardish mein hoon Review: सोशल मीडिया जो एक ऐसा प्लेटफार्म बन जाता है जहाँ बात-बात पर विचारधारा की लड़ाई शुरू हो जाती है। कैसे लोग अब मैदानों में नहीं बल्कि फेसबुक पर वार करते हैं और सोशल मीडिया वॉरियर कहलाते हैं। आयुष वेदांत की पहली किताब “Gardish में हूँ” का कवर काफी सिंपल रखा गया […]
शीर्षक कहानी ‘Baanjh’ एक ऐसी ठकुराइन/जमीदारिन की कहानी है जिसका पति उसे बाँझ समझता है और दिन रात अत्याचार करता है, जिसकी हवेली के नौकर तक उसको कुछ नहीं समझते किताबें अंग्रेज़ी में लिखीं हों और चल निकलें तो हिन्दी पट्टी तक अनुवादित संस्करण पहुँचाना प्रकाशकों के लिए लाज़मी हो जाता है। इसी क्रम को […]
Jadugarni – जब मैं छोटी थी तो मेरे घर में ये पल्प फिक्शन की मोटी-मोटी किताबें रखी होती थी। उन किताबों का जो कवर था वो मुझे बहुत फेसिनेट करता था। जब भी मैं उन किताबों को अपने हाथ में लेती और ज़ोर-ज़ोर से पढ़ने की कोशिश करती तो कभी मम्मी तो कभी चाचू आकर […]
ट्रेवलिंग एक ऐसी चीज है जो आपको जिंदा होना का एहसास कराती है। जब भी हमें अपने बिजी शेड्यूल से वक्त मिलता है तो हम पहाड़ों में घूमने की योजना बनाते हैं। 10 में से 8 लोग ऐसे हैं जिनका घूमना-फिरना सपना होता है लेकिन केवल 1-2 ही होते हैं जो इस सपने को पूरा […]
Punyapath देखकर आंखें चमक गई कि यार इतने दिनों के बाद भी पढ़ा क्यों नहीं तो किताब उठाई और शुरू हो गए। लोक अस्मिता के लेखक सर्वेश जी की यह किताब “Punyapath” मेरे पास आज से लगभग छः महीने पहले ही आ गई थी लेकिन पढ़ने का मौका अब जाकर आया इसके लिए सिर्फ मैं […]
प्रकाशक मित्र होने की वजह से पहली किताब तो सादिक ने best seller होने के सारे हथकंडे अपना कर नाम कमा लिया लेकिन क्या वो आगे भी इस टाइटल को बरक़रार रख पाता है। इस किताब से पहले अभिलेख जी की एक किताब पढ़ी थी “फरेब का सफ़र“ जिस रफ़्तार की वह किताब है उसी […]