एक समय था जब फिल्म बनाने के लिए कहानी चाहिए होती थी। अभी RAMSETU देखकर लगता है कि अब फिल्म बनाने के लिए सिर्फ मुद्दा चाहिए होता है। आर्यन कुलश्रेष्ठ एक जाने माने स्टार archeologist हैं। ये अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा तोड़ी गई मूर्तियों को वापस इकट्ठा करने के लिए जाते हैं। वहाँ इन्हें खजाना […]
(Anand) आनंद मरा नहीं, आनंद मरते नहीं। आदित्यांशु (Digital illustrator – cover artist) ने facebook पर Anand के बारे में बहुत खूबसूरत लेख लिखा था। लेख इतना असरदार था कि मुझे 90 के अंतिम सालों का बीता समय याद आ गया। मेरा बचपन नानी के घर में बीता था। पापा जहाँ केबल टीवी के शौकीन, […]
Chup Moview Review – Theme Song – – – जाने क्या तूने कही जाने क्या मैंने सुनी बात कुछ बन सी गई! जब अनुराग बसु की फिल्म लूडो आई थी, तब अचानक से ‘ओ बाबू जी, ओ बेटा जी’ Youtube पर हिट होकर 10 मिलियन व्यूज़ ले गया था। ऐसे ही, Chup देखने के बाद […]
दर्द के चलते जागते हुए ये बीती ये पाँचवीं रात है। इस हफ्ते की शुरुआत बहुत बढ़िया हुई थी। कुछ एक positive news मिली थीं। लेकिन सोमवार दोपहर से ही चेहरे के दाहिने तरफ हल्का-हल्का दर्द होना शुरु हो गया था। कोढ़ में खाज, मुझे उस वक़्त पानी की बजाए कोला पीने में मज़ा आ […]
Barricade – ज़िन्दगी अनिश्चिताओं का खेल है. घर से निकलने वाला शख्स ये तय भले कर ले कि उसे ‘उस’ ओर जाना है पर वो पहुँचेगा वहीँ जहाँ उसकी तकदीर उसका इंतज़ार कर रही होगी. Barricade की कहानी दोस्तों की है. वो दोस्त जो कॉलेज में होते हैं, वो दोस्त जो झुंड बनाकर लड़ते हैं […]
Thor Love and thunder – Thor की बात चले तो थंडर अपने आप ही दिमाग में आने लगता है. लेकिन Thor टाइटल में लव लगते ही आँखों के सामने जेन फॉस्टर उर्फ़ नेटली पॉर्टमन आने लगती है. लेकिन इस थंडर के लव में कुछ और नज़र आने वाला है. कहानी gorr नामक भले आदमी से […]
Nirmal Pathak ki Ghar Wapsi Review: और अगर आप बिहारी लड़की हैं तो आप जानती होगी की शादी से पहले आपकी राय नहीं ली जाती, इस वेब सीरीज ने इसे बहुत खूबसूरती से दिखाया है। Nirmal Pathak ki Ghar Wapsi Review: घर वापसी और बिहार इसका नाता सदियों पुराना है जैसे बिहार में जन्म और […]
कुँवरी संयोगिता और अजमेर के नरेश पृथ्वीराज के बीच चिट्ठी पत्री से ही, प्यार इश्क और मुहब्बत चल रहा है, यहाँ तक तीन गाने भी हो चुके हैं – …………………………………………. भारत में, खासकर राजपूत शूरवीरों पर कोई भी अच्छी फिल्म बनाना almost impossible है क्योंकि कुछ सेनाए हैं, जो आज़ादी के 75 साल बाद भी […]
शीर्षक कहानी ‘Baanjh’ एक ऐसी ठकुराइन/जमीदारिन की कहानी है जिसका पति उसे बाँझ समझता है और दिन रात अत्याचार करता है, जिसकी हवेली के नौकर तक उसको कुछ नहीं समझते किताबें अंग्रेज़ी में लिखीं हों और चल निकलें तो हिन्दी पट्टी तक अनुवादित संस्करण पहुँचाना प्रकाशकों के लिए लाज़मी हो जाता है। इसी क्रम को […]