Skip to content
Menu

Book Review: 

किताब दिल की खिड़की में टंगा तुर्की

लेखक रुपाली साँझा

प्रकाशक साहित्य विमर्श

पेज 173

मूल्य 199/-

यह किताब एक यात्रा वृतांत के रूप में है जिसमें लेखिका द्वारा की गई Turkey की यात्रा का वर्णन है। यात्रा वृतांत पढ़ने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप बिना घर से बाहर निकले भी पूरी यात्रा का आनंद किताब के माध्यम से ले सकते हैं, लेकिन किताब ख़त्म होते होते आपको किताब में वर्णित जगह घूमने जाने का बहुत मन करने लगता है।

 Book Reviewइससे पहले लेखक सचिन देव शर्मा जी की किताब ल्हासा नहीं लवासा मैंने पढ़ी थी जो की यात्रा वृतांत है और उसमे अन्य जगहों के साथ साथ देहरादून से थोड़ी दूर स्थित लाल टिब्बा और पुणे में स्थित लवासा का जिक्र था। उनकी किताब पढने के बाद मैं उन दोनों जगहों पर गया और घूमा।

दिल की खिड़की में टंगा तुर्की“(प्रकाशन- साहित्य विमर्श) सिर्फ इस टाइटल को पढ़कर इस किताब को पढने का मन बना लिया क्योंकि कुछ किताबों के नाम ही इतने आकर्षक होते हैं कि वो खुद आपको अपनी तरफ खींच लेते हैं। यह मुझे एक बहुत ही खूबसूरत सी किताब लगी जिसमें लेखिका ने तुर्की की अलग अलग जगहों का शाब्दिक चित्रण सरल तरीके से किया है।

कहानी के बीच – बीच में लेखिका द्वारा क्लिक की गई तस्वीर भी है जो उस स्थान विशेष को समझने में और भी ज्यादा सहायक होती है | तस्वीरें ब्लैक एंड वाइट में हैं काश कि ये क्लर्ड होती तो दिखने में अच्छी लगती।

Book Review

कहानी में हिंदी और उर्दू के बहुत से ऐसे शब्द हैं जिनको हम भूलने लगे हैं उसका बखूबी इस्तेमाल किया गया है | यात्रा वृतांत की किताबें फिक्शन के मुकाबले मुझे थोड़ी स्लो लगती हैं और शायद ये जरुरी भी है क्योंकि किसी भी यात्रा में वक्त तो लगता ही है चाहे वो पढने की हो या वास्तव में घूमने की। आज कल हमारे देश में भी वो टर्किश आइस क्रीम मिलने लगी है जो थोड़ी देर हमारे साथ खेल करता है। इधर उधर घुमाता है फिर देता है और हमें उस आइस क्रीम से ज्यादा अच्छा उस खेल के विडियो बनाने या देखने में आता है।

इस किताब में उस आइस क्रीम और तुर्की के अलग अलग शहर जैसे एफसेस, पामोकाले, बुरसा, इस्तानबुल, कैपेदोकिया और अन्य शहरों के बारे में पता चला। तुर्की के इतिहास से जुडी कई सारी जानकारियां मिली कि कैसे बार बार भूकंप मार झेलने वाला देश वापस उठ खड़ा होता है और फिर से अपना नया इतिहास लिखता है।

पता चला की विश्व की सबसे बड़ी दूसरी और तीसरी लाइब्रेरी तुर्की में है जहाँ 12000 पांडुलिपियाँ हैं जिसे लाइब्रेरी ऑफ़ सेल्सस के नाम से जाना जाता है। किताब की कुछ पंक्तियाँ जो अच्छी लगी जैसे –

शहर पानी की जहाज की तरह होते हैं। वो उतने ही नहीं होते जितने पानी की सतह पर दिखाई पड़ते हैं।

कुछ चीजें मन से इतनी जुड़ जाती हैं कि टूट फुट जाने के बाद भी फेंकी नहीं जाती।

जो चले जाते हैं, वो तो आगे बढ़ जाते हैं ! जो पीछे छूट जाते हैं, वो छूटे ही रह जाते हैं।

मेरी द्वारा अभी तक पढ़ी गयी लगभग 140 किताबों में सिर्फ 4 किताब ही हैं जो यात्रा वृतांत हैं। मुझे खुद से इस किताब को पढने के बाद उम्मीद है कि अब मेरी आलमारी में यात्रा वृतांत आधारित किताबों की संख्या बढ़ेगी | मुझे तो किताब अच्छी लगी। किताब amazon और साहित्य विमर्श पर उपलब्ध है। हिंदी पढने और यात्रा वृतांत पढने के लिए दिल की खिड़की में टंगा तुर्की जरुर पढिएगा। फ़िलहाल पासपोर्ट के लिए apply करने का मन कर रहा है, मिले तो Turkey घूम आएं।

धन्यवाद।

अगर आप एडवेंचर ट्रिप पर लिखी किताब चांद का पहाड़ का Book Review पढ़ाना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें:

Book Review: Virgin Mother Book Review: करण जौहर की फिल्मों की याद दिलाती है इस मदर की कहानी

अनुराग वत्सल (नई वाली हिन्दी )


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stop Copying ....Think of Your Own Ideas.