Thor Love and thunder – Thor की बात चले तो थंडर अपने आप ही दिमाग में आने लगता है. लेकिन Thor टाइटल में लव लगते ही आँखों के सामने जेन फॉस्टर उर्फ़ नेटली पॉर्टमन आने लगती है.
लेकिन इस थंडर के लव में कुछ और नज़र आने वाला है.
कहानी gorr नामक भले आदमी से शुरु होती है जो रापू नामक देवता को पूजने वाला आख़िरी आदमी बचा है. (यह रापू सूर्यदेव जैसे लगता है जो बहुत ही घमंडी है) गोर का सारा गृह बंजर हो चुका है। उसकी बेटी भूखी प्यासी मर गयी है. पर देवता की सेहत पर किसी के भी मरने-जीने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। यहीं से गोर बागी हो जाता है और..
….और अब कॉर्ग बच्चों को थॉर की जीवन गाथा सुनाता है कि कैसे थोर बड़ा हुआ, स्पेस वाइकिंग बना, ये पहला मौका है जब थॉर के पास करने को कुछ नहीं है. गार्जियन ऑफ गैलेक्सी के साथ वो यहाँ-वहाँ छोटी मोटी फाइट्स लड़ रहा है, जीत रहा है, मेडिटेशन भी कर रहा है पर सुकून उसके आसपास भी नहीं है.
तभी उसे पता चलता है कि कोई है जो दनादन gods को मार रहा है। उन्हें ढूंढ-ढूंढकर कत्ल कर रहा है। इनमें से एक lady sif भी है जो जैसे-तैसे जान बचा सकी है।
तीसरी ओर वलकैरी अब पूरी तरह न्यू asgard की King बन चुकी है। चौथी ओर हमारी जेन फॉस्टर कैंसर से जूझ रही है।
अब इन सबके बीच की अच्छी केमेस्ट्री, हँसी-मज़ाक, बच्चों की यूशूअल किडनैपिंग और अंत में बुराई पर अच्छाई की टिपिकल जीत, के अलावा अच्छा ह्यूमर भी है।
डायरेक्टर ताईका वटीटी इससे पहले thor ragnarok बना चुके थे। वो फिल्म भी ह्यूमर और एक्शन का गजब कॉम्बो थी। उसमें भी विलन के रूप में एक पाअर्फुल कैरिक्टर हेला उर्फ केट बलेंचेट थी। उस फिल्म का एक गजब इम्पैक्ट था, जो अफसोस है कि इसमें मिसिंग है।
हालांकि Thor की अब जो सीरीज बन रही है, उसमें ये पहली कड़ी है तो इसका ज़रा बहुत कमज़ोर होना नहीं खलता।
राइटिंग भी ताईका वटीटी की ही है, उन्होंने एक्शन सीन्स से ज्यादा कॉमिकल डाइलॉग्स पर फोकस किया है जो हँसाता तो है, पर इन्टेन्सिटी नहीं बनने देता।
Thor Love And Thunder – Art and Acting
बाकी thor बने क्रिस हेमस्वरथ की ऐक्टिंग बढ़िया है। टेसा थॉपसन पहले की तरह ही हैं।
नेटली पोर्टमन इस बार और निखरकर आई हैं। उनकी acting बढ़िया है।
लेकिन फिल्म के शो स्टॉपर तो gorr उर्फ क्रिश्चन बेल ही रहे हैं। हालांकि उनका रोल बहुत छोटा है। बहुत ही लिमिटेड है पर फिर भी उन्होंने डराया भी है और चौंकाया भी।
रसल क्रो का छोटा सा रोल है पर असरदार है। Zeus का कैरिक्टर देखते ही आपको इन्द्र देवता की याद या सकती है।
बादबाकी रेगनारोक में बेहतर म्यूजिक था। इसका म्यूजिक औसत है। thor ragnarok में फाइट सीन जबरदस्त थे, इसमें ज़रा औसत हैं, ragnarok कलरफुल फिल्म थी, इसमें Gorr के planet को तो दिखाया ही है कि वहाँ कलर्स गायब हो जाते हैं।
एडिटिंग बहुत ज्यादा है, फिल्म थोड़ी लंबी, थोड़ी विस्तृत होती तो और बेहतर होती।
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कुलमिलाकर फिल्म लाइट है, सॉफ्ट है, ह्यूमरस है, मार्वल फैंस को हँसाती भी है और ग्रीक देवताओं को मतलबी दिखाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ती है पर अपना असर बनाने में नाकाम रहती है। लेकिन पोस्ट क्रेडिट सीन में अगले part के लिए कुछ महत्वपूर्ण भी छोड़ जाती है।
ज़ाहिर है डाईहार्ड marvel fans इसे ज़रूर देखेंगे, पर अगर आप चार पैसे ही कमाते हैं और 3 ज़रूरतें पूरी करने में निकल जाते हैं, तो बचे एक पैसे को फिल्म में लगाने की जगह ‘बचा’ लीजिए और डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम होने का इंतज़ार कीजिए।
Factual Error – Thor की एक आँख नकली थी, वो हॉकी का प्लेयर भी नहीं था पर फिर भी हेला ने जब उसकी एक आँख काट दी थी तब इन्फिनिटी वॉर में रॉकेट रकून ने उसे एक आँख दी थी, जिसका रंग भूरा था, जबकि थोर की असली आँख का रंग नीला है, इसमें दोनों ही आँखें नीली हैं।
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July 8, 2022 @ 12:41 PM
Nicely composed