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सबसे पहले आप selfie का trailer देखिए, ट्रेलर ही आपको कहानी का सार बता देगा।

अब एक बहुत बड़े स्टार विजय कुमार उर्फ अक्षय कुमार को चाहिए ड्राइविंग लाइसेंस और जो RTO इन्स्पेक्टर है, ओम प्रकाश अगरवाल, उसे चाहिए इज़्ज़त और इज़्ज़त के साथ selfie। लेकिन इस ट्रेलर में जो नहीं दिखा है वो मैं बताता हूँ।

Selfie ka Spoiler alert

Selfie में सबसे इम्पॉर्टन्ट किरदार सूरज दीवान उर्फ अभिमन्यु सिंह का है। सूरज दीवान बेतुके टीवी कमर्शियल्स करता है। इसको बड़ी फिल्में मिल नहीं रही हैं और जो फिल्में मिल रही हैं वो हद दर्जे की वाहियात हैं। ये एक समय विजय कुमार के साथ ही मुंबई में रहा था, लेकिन अब इसने 7 साल से कोई हिट फिल्म नहीं दी है।

Selfie की दूसरी सबसे इम्पॉर्टन्ट करेक्टर विमला तिवारी उर्फ मेघना मलिक हैं। हालांकि इन्हें आप ट्रेलर में देख चुके होंगे। नहीं ध्यान दिया? ये वही हैं जो अक्षय को देखते ही मुस्कुरा पड़ती हैं। सारे बवाल में ये सबसे पहले शामिल हैं, पर वो बवाल क्या है ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

डायरेक्टर राज मेहता अक्षय के साथ ही इससे पहले गुड न्यूज़ कर चुके हैं। वो भी लाइट हार्ट अबोव एवरेज कॉमेडी फिल्म थी जिसे देखने पर ‘पैसा बर्बाद हुआ’ ऐसा नहीं लगता था। हालांकि उसमें दिलजीत दोसांझ अक्षय से 21 रहे थे।

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इसी तरह राज ने इस बार कई मौकों पर इमरान हाशमी को अक्षय से 21 रखा है। पर आफ्टर ऑल अक्षय का इस Selfie में पैसा लगा है, अब प्रोड्यूसर खुद बड़ा स्टार हो तो फिल्म में तो कम से कम अपने लिए सीटियाँ बजवा ही लेता है। एंड में हीरोगिरी भी कर लेता है।

हिन्दी स्क्रीनप्ले राइटिंग यूँ तो ऋषभ शर्मा ने की है पर original screenplay राइटर साची को Driving licence की तरह ही Selfie में बढ़िया ट्विस्ट टर्न बनाये रखने का क्रेडिट जाना चाहिए। दोस्तों, राइटिंग बहुत कमाल है। एक ड्राइविंग लर्निंग लाइसेंस टेस्ट थ्रिलिंग भी हो सकता है; ये इस फिल्म को देखकर जाना जा सकता है।

मोस्ट इम्पॉर्टन्ट, जैसा कि ज़्यादातर मलयालम फिल्मों में होता है कि आप अगर फिल्म देख रहे हैं तो आपको साथ-साथ कुछ सीखने, कुछ जानने के लिए भी मिले। और मैं दावे से लिख सकता हूँ कि 20-30 साल से गाड़ी चलाने वाले भी इस Selfie में बताए गए ट्रैफिक एण्ड रोड सेफ्टी रूल्स से वाकिफ नहीं होंगे।

एक्टिंग के मामले में राज मेहता ने अक्षय को अक्षय बने रहने के लिए ही कहा होगा। अक्षय पूरी फिल्म में कॉमेडी करते, पंच लाइन मारते और भले दिल के किरदार को अच्छे से निभाते नज़र आए हैं।

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उन्हें डाइलॉग भी ऐसे मिले हैं – “मैं काम से नहीं, आराम से थकता हूँ”
“साल में चार फिल्में करता हूँ, 2 ott के लिए भी, 28 कमर्शियल्स 17 टीवी शोज़ और एक आधा रीऐलिटी शो भी कर लेता हूँ”

वहीं इमरान हाशमी अच्छे एक्टर हैं ही, उनके पास इक्स्प्रेशन लिमिटेड हैं पर बॉडी लैंग्वेज बढ़िया पकड़ते हैं। एक डाई हार्ड सब इन्स्पेक्टर के रोल में वो जमे हैं। उनका डाइलॉग “मैं ऐसा सुंदर ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर दूँगा कि लगेगा ग्रीटिंग कार्ड है” मस्त हँसाता है।

लेकिन अभिमन्यु सिंह तो इस Selfie की बैक बोन हैं भाईसाब, डायरेक्टर राज मेहता ने दर्शाया भी है कि वो अक्षय से अच्छे एक्टर हैं पर कामयाब नहीं हैं। उनके सपाचट लोशन का एड, या तावड़े जिम का विज्ञापन, सब मज़ेदार हैं। ओवर होकर भी अभिमन्यु बढ़िया लगे हैं।

वहीं मेघना मलिक भी मात्र 3 सीन्स में शानदार एक्टिंग कर गई हैं।

नुशरत भरूचा अभी रामसेतू में अक्षय की पत्नी बनी थीं, अब इमरान की पत्नी बनी हैं। छोटे से रोल में बढ़िया एक्टिंग की है इन्होंने। ऐसा ही छोटा सा डायना पेन्टी का भी है जो कोई भी कर सकता था।

फिल्म का सबसे बड़ा हीरो इसका बैकग्राउन्ड म्यूजिक है। ये म्यूजिक एमोशनल करने से लेकर जोश दिलाने तक में मददगार साबित होता है।

फिल्म का ड्यूरेशन भले ही 2 घंटे 23 मिनट का है पर शुरुआत एक गाना और अंत एक गाना मिस कर दें तो मलयालम फिल्म ड्राइविंग लाइसेंस जैसी ही 2 घंटे 15 मिनट की रह जाती है जो ओवर नहीं लगती।

कुलमिलाकर अक्षय कुमार की करीब 6 flops के बाद

(रामसेतू – रिव्यू के लिए लिंक क्लिक करें
कटपुतली
रक्षा बंधन
सम्राट पृथ्वीराज
बच्चन पांडे
अतरंगी रे)

अब एक ऐसी फिल्म आई है जो वीकेंड के बाद माउथ पब्लिसिटी से चमक सकती है।

फिल्म बहुत शानदार मास्टर पीस नहीं है, जो कि अक्षय कुमार वैसे भी नहीं करते हैं; हाँ पर फैमिली के साथ देखने लायक एक एनर्टैनिंग कॉमेडी फिल्म ज़रूर है जिसमें फुल हीरोगिरी है, हँसाने युक्त पन्चेस हैं और ढेर सारे ट्रैफिक रूल्स हैं जो बोर नहीं करते। सबसे बड़ी ट्रेजेडी, फिल्म में इमरान हाशमी हैं पर एक भी चुम्मी चाटी नहीं है।

बजट 80 करोड़ प्लस बेइंतेहाँ प्रमोशन है।

Pathaan Blockbuster तहलका! फिल्म की कलेक्शन हुई इतनी कि शाहरुख खरीद सकेंगे 2 नए मंगलयान!

यानि फिल्म को पैसा पूरा करने के लिए ही कम से कम 175 करोड़ का ग्रॉस कलेक्शन चाहिए।

रेटिंग – 7.5/10*

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सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’

 


सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'

मैं सिद्धार्थ उस साल से लिख रहा हूँ जिस साल (2011) भारत ने वर्ल्डकप जीता था। इस ब्लॉगिंग के दौर में कुछ नामी समाचार पत्रों के लिए भी लिखा तो कुछ नए नवेले उत्साही डिजिटल मीडिया हाउसेज के लिए भी। हर हफ्ते नियम से फिल्म भी देखी और महीने में दो किताबें भी पढ़ी ताकि समीक्षाओं की सर्विस में कोई कमी न आए।बात रहने की करूँ तो घर और दफ्तर दोनों उस दिल्ली में है जहाँ मेरे कदम अब बहुत कम ही पड़ते हैं। हालांकि पत्राचार के लिए वही पता सबसे मुफ़ीद है जो इस website के contact us में दिया गया है।

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