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राजमौली व Javed Akhtar की फ़ोटो के बाद कयासों का एक दौर सा शुरू हो गया है, क्या Javed Akhtar अपनी कहानी निर्देशक राजमौली को सौंपकर अपनी खोई ख्याति पुनः लौटाना चाहते है?

बॉलीवुड के गलियारें में एक तस्वीर वायरल हो रही है। ट्रिपल आर की सफलता के जश्न कार्यक्रम में लेखक-निर्देशक एसएस राजमौली, बॉलीवुड लेखक Javed Akhtar के पैर छू रहे हैं। अक्सर ऐसे दृश्य भारतीय राजनीति में देखने को मिलते है जब राजनेता अपने बड़े व गुरु के चरण स्पर्श करते हैं। भारतीय संस्कृति को जीवित बनाए रखते हैं। राजनीति के अलावा पहली बार राजमौली और Javed Akhtar के बीच ऐसा संबंध दिखा है।

जबकि दक्षिण भारत से ऐसी तस्वीर सामने आती रही हैं जहाँ सीनियर ऐक्टर या आर्टिस्ट के पैर जूनियर आर्टिस्ट छू रहे हैं। फिर चाहें जूनियर आर्टिस्ट रुपए पैसे या फेम में सीनियर वाले से कितना ही ऊंचा क्यों न हो, इससे कोई फ़र्क पड़ता नहीं देखा गया है। उदाहरण के लिए 2012 में धनुष हिंदी अवार्ड फक्शन में शामिल हुए थे, तब वहां अमिताभ बच्चन को सामने देखकर उन्होंने तुरंत उनके पैर छूए। वहीं, बॉलीवुड में ऐसा कल्चर धर्मेन्द्र, ऋषिकेश मुखर्जी, गुलज़ार, मीना कुमारी या रेखा के दौर के बाद से फिर नहीं देखा गया।

बड़े हीरो हो या छोटे, कभी भी अपने सीनियर्स के पैर छूते नज़र नहीं आते। शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन, सलमान खान और आमिर खान ने काफ़ी सीनियर कलाकारों के साथ फ़िल्में की और मंच पसांझा किए है लेकिन ये दृश्य कभी सामने न आया।

अगर संस्कृति की बात करें तो बॉलीवुड में ये चलन अब सिर्फ धर्मेन्द्र को देखकर रह गया है, वो भी कुछ कलाकार ऐसे पाँव छूते हैं धर्मेन्द्र के कि घुटने से नीचे जाना आफत लगती है। फिल्म बच्चन पांडे के एक दृश्य में अक्षय कुमार अपने गुरु के पैर छूने के बजाय अश्लील हरकतें कर रहे है। माना कि ये सीक्वेंस कॉमिक सिचुएशन में लिखा गया है लेकिन ये पैर छूने वाली परंपरा पर सबसे बड़ा व्यंग्य भी है।

अक्षय कुमार तो खुद कॉमेडियन कपिल शर्मा को इस पैर छूने वाली आदत को लेकर कई बार टोक चुके हैं कि ये पूरी तरह झुकता भी नहीं है।

Javed Akhtar

राजमौली व Javed Akhtar की फ़ोटो के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया है कि कहीं Javed Akhtar अपनी कहानी निर्देशक राजमौली को सौंपकर अपनी खोई ख्याति पुनः लौटाना तो नहीं चाहते हैं?

निसंदेह राजमौली भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े फ़िल्म मेकर बन चुके है। उनके विजन में दर्शकों की नब्ज टटोलने की गजब प्रतिभा छिपी है। तभी तो ट्रिपल आर कमाई के मामले में हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है और अभी kgf chapter 2 के आने से पहले थमती नज़र भी नहीं आ रही है। कोई भी लेखक राजमौली को अपनी कहानी व किरदार देना चाहेगा। Javed Akhtar तो भारतीय सिनेमा में लीजेंड का रुतबा रखते है। सलीम-जावेद की जोड़ी ने ढेरों blockbuster कहानियां लिखी है।

शोले, सलीम-जावेद की लोकप्रिय गाथा रही है। इसलिए ट्रिपल आर के कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने कहा कि “राजमौली ने 21वी सदी को नए फ्लेवर में जय-वीरू की जोड़ी थमा दी है”। जावेद आगे कहते है जयंती भाई और राजमौली ने जो किया है, कहानी कहने का जो अंदाज रखा है, उसे आज के समय में शायद ही कोई कर पाता”।

शायद हो सकता है, Javed Akhtar के पास कोई दमदार कहानी हो और वह काबिल हाथों की तलाश में 35 सालों से इंतज़ार कर रहे हों क्योंकि जावेद ने आखिरी बार मिस्टर इंडिया लिखी थी और फिल्म ने कमाई के रेकॉर्ड्स तोड़ डाले थे। अब नई कहानी व उसके किरदारों को बाहुबली निर्देशक के पास सरकाकर शायद वह बड़ी सफलता के लिए तरस रहे bollywood को एक बूस्टर देना चाहते हों।

Javed Akhtar

इससे पहले ट्रिपल आर के प्रमोशनल कार्यक्रम में सलमान खान ने शिरकत की थी। तब उन्होंने राजमौली के पिता व लेखक केवी विजेंद्र प्रसाद से बजरंगी भाईजान के सीक्वल का वादा लिया था। बी-टाउन में ख़बरें तैर रही हैं कि केवी विजेंद्र प्रसाद सलमान खान के लिए पवनपुत्र भाईजान टाइटल में कहानी जोड़ रहे हैं।

अजब लेकिन गज़ब बात है, सलमान खान ने केवी प्रसाद से सीक्वल का प्रॉमिस ले लिया लेकिन कभी अपने पिता सलीम खान के पास नहीं गए कि वह भी उनके लिए कोई कालजायी रचना रच दें। आखिर वे लीजेंड लेखक हैं औरसाउथ के लेखक-निर्देशक उनकी कहानियों व किरदारों को देखकर बड़े व आगे बढ़े हैं। भला, उनसे बेहतर कौन लिख सकता है? या मैं कहूँ लिख सकता ‘था?’

खिलाड़ी अक्षय कुमार भी केवी विजेंद्र प्रसाद की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। उन्हें भी राउडी राठौड़ का विस्तार चाहिए। राजमौली ने ट्रिपल आर के साथ साबित कर दिया है कि पैन इंडिया में रिलीज़ हुई बाहुबली series कोई तुक्का न थी। पूरी रणनीति के साथ मैदान मारा था और अब ट्रिपल आर की कामयाबी के परचम के सामने उनकी एक अलग ही इमेज बन गई है।

Javed Akhtar

ट्रिपल आर की सक्सेस पार्टी में बॉलीवुड के बड़े बड़े चेहरे अधिक नजर आ रहे है। हो सकता है, राजमौली के आने वाले प्रॉजेक्ट बी-टाउन से निकले। लेकिन फ़िलहाल राजमौली का अगला प्रॉजेक्ट महेश बाबू के साथ है। जिन्हे बॉलीवुड में डेब्यू करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनका सख्त मत है उनकी तेलुगु परिवेश वाले कंटेंट ज्यादा दर्शक कलेक्ट करेंगे।

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बॉलीवुड के लेखक दिशाहीन हो चुके है। उन्हें राजमौली सरीखे निर्देशक की जरूरत है। ताकि वे खुद को लौटा सके। इसी कड़ी में Javed Akhtar खड़े हो, करियर के आखिरी फेज में राजमौली के साथ नाम लिखा जाए।

 


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