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करीब एक साल पहले मैंने एक प्रचलित यूट्यूब शो ‘जिंदगी विद ऋचा’ में लिरिसिस्ट Manoj Muntashir का इंटरव्यू देखा था। उस इंटरव्यू को देखकर मैं Manoj Muntashir से इतनी इंप्रेस हो गई थी कि एक पूरा आर्टिकल उनको समर्पित करते हुए लिखा था और वो शायद मेरी लाइफ का ऐसा आर्टिकल था जिसकी सभी ने बहुत प्रशंसा की थी। उस आर्टिकल के बाद ही मेरे एक फ्रेंड ने मुझे Manoj Muntashir की एक किताब गिफ्ट कर दी। ये बात अलग है कि उस किताब की शायरी मुझे 10% भी न पढ़ी गई और वो किताब फिर बुक शेल्फ में पड़ी, धूल फाँकती रह गई।

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जिस आर्टिकल की मैं बात कर रही हूँ, उसमें मैंने मनोज के शुरुआती स्ट्रगल से लेकर लेकर अवॉर्ड शो को अलविदा कहने तक की कहानी लिखी थी। मनोज की जर्नी इतनी इंस्पाइरिंग थी कि कोई भी व्यक्ति उनसे इंप्रेस हुए बिना नहीं रह सकता। लेकिन आज उस पुराने आर्टिकल का जिक्र मैं इसलिए कर रही हूँ क्योंकि आज मैं अपने लिखे हर शब्द को वापस लेना चाहती हूँ।

उस आर्टिकल को कहीं ऐसी जगह दफ्ना देना चाहती हूँ कि फिर दोबारा कोई उसे न पढ़ सके। किसी को इसके बारे में पता न चले।

Manoj Muntashir को हनुमान जी की गदा पड़ने वाली है

manoj muntashir

रामायण के अनुसार भगवान हनुमान को “ज्ञान गुण सागर”, यानी ज्ञान और अच्छे गुणों के सागर के रूप में संबोधित किया जाता है। मैंने अपनी नानी से सुना है कि हनुमान जी ने बचपन से ही सभी वेदों, योग और कलाओं को सीख लिया था और सभी देवताओं द्वारा उन्हें ज्ञान, वीरता और शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त था। भगवान राम भी हनुमान जी के ज्ञान और बोली की प्रशंसा करते थे, पर Manoj Muntashir ने उस ज्ञान को “तेल” लेने भेजकर उनका मजाक बनादिया है।

Manoj का सवालों पर आया ऐसा जवाब

manoj muntashir

जब Manoj Muntashir से फिल्म में उनके फूहड़ संवादों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने इस बात का जवाब देते हुए कहा कि- “हमने जानबूझकर ऐसा ही रखा है, जिससे आजकल के लोग उससे कनेक्ट हो सकें”

 

वहीं आर भारत चैनल को दिए इंटरव्यू में जब Manoj Muntashir से उनके “तेल तेरे बाप का” जैसे धुआंधार dialogues के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकीदादी-नानी भी ऐसे ही रामायण सुनाती आई हैं। जितने भी कहनीकार हैं वो भी ऐसे ही रामायण सुनाते हैं।

सोचिए कितना अजीब माहौल होगा कि जब छोटे मनोज अपनी दादी के पास बैठे रामायण सुन रहे हैं और अचानक से मनोज के पिताजी को उनकी दादी मिट्टी का तेल लेने भेज देती होंगी। फिर किसी रोज़ लालटेन जलाने की कोशिश में, ज़रा बहुत तेल धोती पर गिर गया होगा और जलती हुई माचिस की तीली भी संग-साथ गिर गई होगी, तब छोटे मनोज ने पूछा होगा कि “दादी पापा की धोती जल कैसे गई?” 

तब दादी ने रामायण पाठ रोककर बताया होगा कि “क्योंकि तेल उसके पिताजी का था, धोती का कपड़ा भी उसके पिताजी का था, आग यानी तीली भी उसके पिताजी की थी तो जलेगी भी…” 

 

मनोज का इतने से भी पेट नहीं भरा तो अभी latest इंटरव्यू में बोले कि हनुमान के dialogue इसलिए ऐसे हैं क्योंकि वो भगवान हैं ही नहीं, वो तो भक्त हैं, भगवान तो उन्हें हमने (शायद ओम राऊत और साक्षात मनोज) बनाया है।

मैंने अपनी नानी से सुना था कि हनुमानजी अजर-अमर हैं और वो दूर हिमालय की किसी गुफा में बैठे आज भी राम-नाम जप रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि नानी की वो कहानी बिल्कुल सच्ची है और हनुमानजी हमसे बहुत दूर, हिमालय पर हैं। क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता, अगर वो मुंबई-दिल्ली के किसी पीवीआर में अपनी खाली सीट पर बैठे 3D चश्मा लगाए ये फिल्म देख रहे होते, तो मनोज मुंतज़िर शुक्ला को उनकी latest हाई-फ़ाई सिक्युरिटी भी गदा पड़ने से न बचा पाती।

बहरहाल,
हमारे घर में आज भी इस तरीकों से कोई बात करना तो दूर ऐसे शब्दों का प्रयोग करने के बारे में सोच भी नहीं सकता है। और मनोज कह रहे हैं कि नानी-दादी के ये शब्द है। वो तो भला हो कि मेरी नानी और दादी ने टीवी पर मनोज का इंटरव्यू नहीं सुना। वरना संस्कृत में ऐसे श्लोक सुनाती जो मनोज शायद फिर अपने नाम से शुक्ला वापस ले लेते।

अब इस फिल्म के कलेक्शन की बात करें तो –  advance booking के भरोसे आदिपुरुष ने पहले दिन में 86.75 करोड़ रुपये बटोरे थे।
दूसरे दिन इस फिल्म ने 65 करोड़ खींच लिए थे और वहीं तीसरे दिन, रविवार को  69 करोड़ की लूट मचा ली थी।

लेकिन इसके बाद सोमवार को फिल्म धड़ाम से मुँह के बल गिरी और मात्र 16 करोड़ पर अटक गई। मंगलवार को यही आँकड़ा गिरकर  10 करोड़ सत्तर लाख पर आ गया।

तो बीते 5 दिन में आदिपुरुष की कमाई – 247 करोड़ 80 लाख हुई है। 600 करोड़ में बनी ये फिल्म all time में 300 करोड़ का collection भी कर पाएगी, इसपर मुझे doubt है। (Source)

हालाँकि इसके OTT राइट्स 400 करोड़ से ऊपर में बिके ज़रूर थे लेकिन ऐसे contracts फिल्म रिलीज़ के बाद बहुत amend होते हैं। OTT वादा कर देने भर से payment नहीं करते और अब जैसा इसका हाल है, सुनने में ये भी आ रहा है कि आदिपुरुष का पाइरेटेड वर्ज़न भी इधर-उधर बाँटा जा रहा है, तो ऐसे में मुश्किल ही है कि हमें हाल फिलहाल में ये फिल्म OTT पर देखने को मिले।

बाकि होत सोही जो राम रची राखा।

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प्रगति राज

 

 


1 Comment

  1. Rupal
    June 21, 2023 @ 10:36 PM

    These controversial dialogues should be remove from movie.

    Reply

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