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KGF chapter 2 का क्रेज़ इतना ज़्यादा है कि morning show में भी हाउसफुल देखने को मिला है। हर एक सीन पर सीटी और हो हल्ले का ज़माना फिर लौट आया है।

KGF Chapter 2 Review

फिल्म की कहानी ठीक वहीं से शुरु होती है जहाँ पर KGF chapter 1 खत्म हुआ था। गरुड़ा के कत्ल के बाद Rocky द फाइटर KGF का किंग बन चुका है लेकिन हर कदम पर उसे कोई न कोई रोकने, टोकने या ठोकने के लिए तैयार बैठा है। लेकिन संजय दत्त की एंट्री ही बाकी सबको फैल कर देती है। पिछली फिल्म के मुकाबले KGF chapter 2 फास्ट भी है और हर मोमेंट पर हैरान करने वाला भी।

KGF Chapter 2 Review

प्रशांत नील ने interval तक फिल्म को इतना तेज़ और ड्रमैटिक रखा है कि आँख झपकाने का भी मौका नहीं मिलता। एक सेकंड भी स्क्रीन से निगाह हटे तो ऐसा लगता है कि कुछ miss हो गया। लेकिन सेम टाइम पर एंट्रीज़ स्लो मोशन में इतनी ग्रांड बनाई है कि हॉल में बजती सीटियाँ डाइलॉग miss करवा देती हैं।

KGF Chapter 2 Review
स्क्रीनप्ले भी पिछली बार से बेहतर है, हालांकि कुछ बेतुकापन और एंटी ग्रैविटी मटीरीअल इस बार भी है। पिछली बार से कम है लेकिन है। कुछ भी कर देना साउथ हीरो का जन्मसिद्ध अधिकार है इसलिए हम उसपर बहस नहीं कर सकते।
बैकग्राउन्ड साउन्ड बहुत लाउड हो जाता है।

संगीत की बात हुई है तो इसे आगे बढ़ाना लाज़मी है क्योंकि संगीत इस फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष है। डबिंग में गाने के बोल ज़रूर कचरा हो जाते हैं पर रवि बसरूर का म्यूजिक तो वही रहता है और जो वही रहता है वो इम्प्रेस कर जाता है।

भुवन गोवडा की सिनिमटाग्रफी भी पिछली बार के मुकाबले बेहतर है। एक्शन सीन्स में बेवजह के स्लो मोशन और बंदूकों की जगह डांस कर कर के मारना भी शायद आपको खल सकता है लेकिन आप Yash के फैन हैं तो आप सब हज़म करने वाला दिमाग लेकर जा सकते हैं।

अब बात करूँ acting की तो यश से ज़्यादा स्टाइलिश और गुड लुकिंग actor तो शायद ही कहीं मिले। डाइलॉग डेलीवेरी और बॉडी लैंग्वेज भी कमाल की है। acting भी ज़बरदस्त है, बाकी लुक की तो बात ही क्या।

श्रीनिधि शेट्टी पिछली बार की तरह ही हैं।

प्रकाश राज इस बार नेरेटर की भूमिका निभा रहे हैं और अपने छोटे से रोल में जम रहे हैं।

KGF Chapter 2 Review

रवीना टंडन इन्टरवल तक नज़र ही नहीं आती हैं लेकिन उन्हें भी दमदार डाइलॉग मिले हैं जो अपना इम्प्रेशन डालने में कामयाब होते हैं।

संजय दत्त की लुक तो unique है ही, साथ ही उनकी एंट्री बहुत लाजवाब है। हालांकि अब संजय इतने बुज़ुर्ग हो गए हैं कि एक्शन सीन्स में बॉडी साथ देती नजर नहीं आ रही है। वैसे भी इस फिल्म की शूट के वक़्त ही संजय कैंसर से पीड़ित भी थे तो उन्हें माफ किया जा सकता है।

KGF Chapter 2 Review

एडिटिंग में ज़रा बहुत कैंची चलाकर इसे ढाई घंटे की कम्प्लीट कर देते तो बेहतर होता, वैसे 2 घंटे 48 मिनट की भी बुरी नहीं है
डबिंग में भी कुछ डाइलॉग हँसाने और तारीफ करने को मजबूर करते हैं जैसे –

“गरुड़ा को मारने के लिए एक रॉकी पैदा कर दिया तो क्या रॉकी को मारने के लिए एक और रॉकी नहीं पैदा कर सकता?”
“नहीं, जब मेरे बाप से दूसरा पैदा नहीं हुआ तो किसी के बाप से नहीं हो सकता”

KGF Chapter 2 Review

कुलमिलकर फिल्म ज़बरदस्त है। इलlogical होते हुए भी ज़बरदस्त है और KGF chapter 1 वाले तो इसे देखेंगे ही, वहीं पॉसिबल है कि इसका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन नये फैंस भी बना दे। बस climax ऐसा है जो मेरे जैसे फिल्मी दीवाने को कुछ नहीं बहुत हल्का लगता है, लेकिन लेकिन लेकिन…, कहानी अभी यहाँ खत्म नहीं हुई है, ये जानना सुकून देता है।

वहीं फ़िल्म के सेट की बात करें तो वो बहुत मस्त है। KGF mines हो या factory, ज़बरदस्त है।

KGF Chapter 2 Review
फिर भी मैं यही कहूँगा कि शुरुआती 4 दिन के वीकेंड की कमाई छोड़कर, फिल्म KGF chapter 1 की तरह शायद 250 करोड़ रुपए न कमाना मुश्किल हो सकता है क्योंकि RRR अभी भी रनिंग में है। वैसे अगले हफ्ते शाहिद कपूर की jersey भी आ रही है, अगर KGF को gravity के दुश्मनों ने बम्पर हिट कर दिया तो शायद जर्सी को स्क्रीन्स ही बहुत कम मिलेंगी।

बाकी आप बताएं KGF chapter 2 पिछली कलेक्शन को बीट कर सकेगा या नहीं?

Rating – 7.5/10*

अगर कोई फिल्मी दीवाना नींद और नाश्ता कुर्बान कर सुबह सुबह साउथ की फिल्म देखने गया हो और अखबार से पहले review भी लिख चुका हो, तो उस रिव्यू को बिना कहे शेयर कर देना चाहिए।

Also Read: ­फिल्म की रिलीज से पहले KGF स्टार Yash का ये रूप आया सभी के सामने

शेयर करते चलें, कोई सवाल सजेशन या खुजली उत्पन्न हो तो कमेंट्स में ज़रूर निकालें। और इंतजार करें KGF Chapter 3 का 😉

– सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’

 


सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'

मैं सिद्धार्थ उस साल से लिख रहा हूँ जिस साल (2011) भारत ने वर्ल्डकप जीता था। इस ब्लॉगिंग के दौर में कुछ नामी समाचार पत्रों के लिए भी लिखा तो कुछ नए नवेले उत्साही डिजिटल मीडिया हाउसेज के लिए भी। हर हफ्ते नियम से फिल्म भी देखी और महीने में दो किताबें भी पढ़ी ताकि समीक्षाओं की सर्विस में कोई कमी न आए।बात रहने की करूँ तो घर और दफ्तर दोनों उस दिल्ली में है जहाँ मेरे कदम अब बहुत कम ही पड़ते हैं। हालांकि पत्राचार के लिए वही पता सबसे मुफ़ीद है जो इस website के contact us में दिया गया है।

8 Comments

  1. Mannu
    April 14, 2022 @ 10:42 AM

    bahut khub

    Reply

  2. Vibhaa
    April 14, 2022 @ 10:57 AM

    Very nice

    Reply

  3. aparna
    April 14, 2022 @ 11:49 AM

    आपका review मूवी देखने को मजबूर कर देता है, फिर ये तो वो मूवी है जिसका इंतजार था…

    Reply

  4. Vikas Nainwal
    April 14, 2022 @ 3:09 PM

    फिल्म के प्रति उत्सुकता जगाती समीक्षा।

    Reply

  5. सत्यम श्रीवास्तव
    April 14, 2022 @ 4:50 PM

    देखते ह भैया

    Reply

  6. Rupal
    April 17, 2022 @ 6:11 PM

    Superb

    Reply

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