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‘प्रशान्त नील KGF में YASH के साथ मास स्टोरीटेलर बनकर उभरे है। वाक़ई लंबी रेस के घोड़े है।’

चैप्टर 2 ने कहानी चैप्टर 1 के क्लाइमैक्स से उठाई है। कुछ नए किरदारों को साथ लेकर आगे बढ़ती है। रमिका सेन, विजेंद्र इंगलागी, के. राघवन, इनायत खलील आदि महत्वपूर्ण किरदार चैप्टर 2 में दर्ज हुए है। ये किरदार कहानी को ज्यादा थ्रिल देते है। चैप्टर 2 के स्क्रीनप्ले को भी लेखक-निर्देशक प्रशान्त नील ने कलमबद्ध किया है। स्क्रीनप्ले में इतनी कसावट है कि साधरण कहानी को असाधारण बना दिया है।

KGF Chapter 2 Review

शुरुआत विजेंद्र के साथ यूनिक व धांसू शेप लेती है। राजा कृष्णप्पा बैरिया की आगे की कहानी के पन्नों को जोड़ती है और इन पन्नों में आगे अधीरा के साथ स्क्रीनप्ले थ्रिलिंग और सस्पेंस भरा होता चला जाता है। 2 घण्टे 48 मिनट की सिंगल फ्रेम पलक झपकने की कतई इजाजत नहीं देती है। पहले हाफ में स्वेग व स्टाइल का तड़का है, किरदार कहानी को पकड़ते है। बाक़ी दूसरे में तो द्वंद शुरू हो जाता है।

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KGF Chapter 2 Review

प्रशान्त ने चैप्टर 2 में अच्छे पँचदार डायलॉग दिए है। जो थिएटर में ख़ूब सीटियां व हूटिंग बटोरते है।

“मेरे बाप ने हमें इसलिए पैदा किया है कि हम इस KGF को संभाल सकें”

(जावब में) “ये क्या नेपोटिज़्म फैला रखा है, गरीब का बच्चा अब मैरिट से भी नहीं आ सकता?”

“साँप सीढ़ी के खेल के खेल में अब नेवला उतर चुका है”

“कोई बाप दूसरा रॉकी पैदा कर सके, इतना दम नहीं, जब मेरा बाप न कर पाया। आई एम ओनली सिंगल पीस”

“ वो खुद लिख चुका था, कैसे मरेगा, लेकिन मैं लिखूँगा, रॉकी कैसे जिया था और क्या था”

KGF Chapter 2 Review

Yash! माइंड ब्लोइंग दूसरे अध्याय में जबरदस्त टशन व स्वेग है। एंट्री तालीमार है। उसके बाद जब सोने के बिस्कुट को पुलिस स्टेशन जाते है। देखते ही बनता है। एक्शन सीक्वेंस में कातिलाना अंदाज बिखरते है। गुस्से के भाव अव्वल दर्जे में निकले है। क्लाइमैक्स फाइट का आखिरी सीक्वेंस अच्छा लगा। रवीना टण्डन के साथ भेंट में कॉमिक और सीरियस कॉम्बिनेशन कमाल रहा।

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यक़ीनन! रॉकी और Yash की जुगलबंदी रोमांच से भर देती है। रॉबिन हुड रॉकी भाई….

संजय दत्त! अधीरा के साथ खलनायक लगे है। चेहरे के हाव-भाव से लगता है 50 तोला से ज्यादा मांगता है बाबा। संजय दत्त के अलावा कोई दूसरा कलाकार अधीरा को खुश नहीं कर सकता था। वाइकिंग्स का देसी अवतार छा गया। काफ़ी वक्त के बाद संजय दत्त को अच्छे किरदार से मिलने का मौका मिला है।

KGF Chapter 2 Review

रवीना टण्डन! चैप्टर 2 के सबसे महत्वपूर्ण किरदार रमिका सेन से मिली है। दूसरा हाफ उन्हें पकड़कर लाता है। छोटा स्क्रीन प्रिजेंस है लेकिन इफेक्टिव और लाजवाब है। क्योंकि स्क्रीन पर आते ही तूफान उठता है। फ्रेम रॉकी और रमिका का फेस ऑफ करवाती है।

KGF Chapter 2 Review

प्रकाश राज! चैप्टर के सूत्रधार विजेंद्र के साथ सिल्वर स्क्रीन पर आए है। पिता की अधूरी कहानी को विस्तार दिया है। अच्छा नैरेशन दिया है।

श्रीनिधी शेट्टी! खूबसूरत है। फ़िल्म में ग्लैमर के सिवाय आखिरी के पाँच मिनट ठीक मिल गए।

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गोविंद गौड़ा! सहायक कर्मचारी के किरदार में जो उत्साह रॉकी को लेकर दिखलाया है। जोरदार है।

राव रमेश, बालकृष्ण, अच्युत कुमार आदि ने अच्छे से अपने अपने किरदारों को पकड़ा।

हिंदी डब! परफेक्ट हिंदी डबिंग है। रवीना, राव रमेश और संजय दत्त ने ओरिजनल वॉयस ओवर रखा है। डायलॉग डिलवरी अच्छा फन क्रिएट करती है।

बीजीएम! रवि बसरूर ने कोलार गोल्ड फ़ील्ड में जो बजाया है, शानदार। हॉल को हिला देता है। कहानी को जबरदस्त हाईप देता है।

एक्शन कोरियोग्राफी! ठेठ साउथ फॉर्मेट में फिल्माएं गए है। लेकिन सिनेमैटिक नजरिए से कई सीक्वेंस अच्छे और सॉलिड है। बड़ी माँ के साथ में तो सुनामी लाते है। रॉकी और अधीरा की दूसरी मुलाकात धांसू है।

सिनेमेटोग्राफी और वीएफएक्स! अद्भुत, अद्भुत।

रॉकी के केजीएफ़ का नजारा देखने लायक है। भुवन गौड़ा ने प्रशान्त नील की कल्पना को धरातल खूबसूरती से सरकाया है।

एडिटिंग! उज्ज्वल कुलकर्णी ने चैप्टर 2 को अच्छा सिल्वर स्क्रीन शेप दिया है। लेंथ भी ठीक रखा है। पोस्ट क्रेडिट भी सस्पेंस रखे है, सुपर्ब।

निर्देशन! प्रशान्त नील….प्रशान्त नील, उम्दा सिनेमैटिक विजन है। संजय दत्त के किरदार को वाइकिंग्स के जुड़ाव की अच्छी वजह दी है। हर डिपार्टमेंट को बढ़िया तरीके से संभाला है। रीजनल में दूसरे प्रॉजेक्ट को इतने बड़े स्केल पर ले जाना ही उनकी काबिलियत दर्शाती है। आख़िरी में इशारा कर गए है। रॉकी भाई कहाँ है।

दक्षिण भारतीय प्रतिभा में विजुलाजेशन विजन कूट कूटकर भरा है जो धीरे धीरे बाहर निकल रहा है। रॉकी काली माता की सीढ़ियां चढ़ता है। उसे नास्तिक नहीं दिखाया है। पूरे श्रद्धा भाव से दिखलाया है।

साउथ से दूसरा कंटेंट है जो बड़े विजन के स्केल पर विजुलाइज हुआ है। मुझे तो लगता है कि ये फिल्म long run में 500 करोड़, यानी KGF 1 से डबल बिजनेस करेगी, आपको क्या लगता है? क्या शाहिद की Jersey Yash के Rocky को रोक पाएगी?

कमेंट्स में बताइए और रिव्यू पढ़कर मज़ा आया हो तो शेयर कीजिए।

ओम लवानिया प्रोफेसर


सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'

मैं सिद्धार्थ उस साल से लिख रहा हूँ जिस साल (2011) भारत ने वर्ल्डकप जीता था। इस ब्लॉगिंग के दौर में कुछ नामी समाचार पत्रों के लिए भी लिखा तो कुछ नए नवेले उत्साही डिजिटल मीडिया हाउसेज के लिए भी। हर हफ्ते नियम से फिल्म भी देखी और महीने में दो किताबें भी पढ़ी ताकि समीक्षाओं की सर्विस में कोई कमी न आए।बात रहने की करूँ तो घर और दफ्तर दोनों उस दिल्ली में है जहाँ मेरे कदम अब बहुत कम ही पड़ते हैं। हालांकि पत्राचार के लिए वही पता सबसे मुफ़ीद है जो इस website के contact us में दिया गया है।

4 Comments

  1. Dheeraj Paliwal
    April 15, 2022 @ 10:24 AM

    बहुत ही शानदार रिव्यू

    Reply

  2. Surbhi sharma
    April 15, 2022 @ 11:43 AM

    Bht jabardast..!! 👍👍

    Reply

  3. Rajkumar Gupta
    April 15, 2022 @ 12:59 PM

    इस समय तो साउथ इंडिया फिल्मों का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है

    Reply

  4. बद्री विशाल मिश्र नगरहा
    April 18, 2022 @ 4:20 PM

    अति सुंदर विवरण सर 🙏🙏

    Reply

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