यह तो सभी जानते हैं कि एक्शन मूवीज़ में “John Wick” को एक अलग ही दर्जा हासिल है। जब 2014 में John Wick फर्स्ट आई थी, तब किसी ने सोचा नहीं था कि चैड स्टेहस्की जैसे अनजान से एक्शन डायरेक्टर और डूबते कैरियर वाले कियानु रीव्ज़ मिलकर कोई सुपरहिट फ्रेंचाइज़ी खड़ी कर सकते हैं।
ऐसा बहुत ही कम होता है, रेयर ऑफ द रेयरेस्ट कि कोई फ्रेंचाइज़ी लगातार निखरती जाए और हर बार सीक्वल पहले से बेहतर, कहीं बेहतर होता जाए। अक्सर सुपरहिट ब्लॉकबस्टर फ्रेंचाइज़ी दूसरे, तीसरे पार्ट तक बेदम हो जाती हैं। चौथे तक आते-आते तो दम ही तोड़ जाती हैं लेकिन John Wick 4 बाकी तीनों पार्ट्स से न केवल बेहतर हैं बल्कि इस दशक की एक्शन मूवीज़ में टॉप पर रखे जाने लायक़ है।
बॉलीवुड में चलन है अंडरवर्ल्ड/ गैंगस्टर/ क्राइम मूवीज़ के कैरेक्टर लाउड होते हैं, भारी-भरकम पर्सनालिटी और उतने ही भारी-भरकम गरजदार डायलॉग जिन पर ख़ूब तालियां पड़ें।

साउथ में तो हर मूवी में हीरो चाहे वह स्टूडेंट हो, कॉरपोरेट जॉब में हो, टीचर हो, बिज़नेस मेन हो, जन्मजात फाइटर होता है। हर फाइटिंग सीन में कड़कती तनी मुट्ठियाँ, माथे पर नसें, भुजाओं में मछलियां उभर आना आम बात है।
हिस्टीरियाई चीख़-चिल्लाहट के साथ असंभव एक्शन, जिसमें गुंडे हवा में उड़ते हैं, ज़मीन पर तीन-चार टप्पे खाते हैं, पैर पटकने से धरती फट जाती है, फूँकने से आंधी आ जाती हैं।
मेरे फेवरेट अंडरवर्ल्ड, गैंगस्टर कैरेक्टर बताऊं तो सिलियन मर्फी जो कि थॉमस/टॉमी शेल्बी हैं पीकी ब्लाइंडर में और कियानु रीव्ज़ John Wick संयुक्त विजेता होंगे।
यहाँ बात जॉन की हो रही है। न कहीं चीख़-चिल्लाहट है, न एग्रेशन, न लम्बी चौड़ी डायलॉगबाज़ी। नाप-तौल कर, बहुत कम शब्द कहना। पोकर फेस और पूरी तरह फोकस्ड। ख़तरनाक से ख़तरनाक क्रिमिनल की जान लेना चुटकियों का खेल।
“जॉन, किल एज़ मैनी मेन एज़ यू केन।”
“ओके।”
“हैप्पी हंटिंग।”
जैसे छोटे पर असरदार जुमले। अगर आपने पहली मूवी नहीं देखी है तो स्टोरी बिल्कुल समझ में नहीं आएगी। हर मूवी एक चैप्टर है। हर मूवी में कहानी आगे चलकर इंटेंस और इंटेंस होती जाती है। बड़ा बजट और शानदार स्टार कास्ट इसमें चार चांद लगा देते हैं। तीसरे पार्ट में हैल बेरी सरप्राइज़ एलिमेंट थीं।
अगर John Wick की बात की जाए तो उसे एक ही लाइन में डिफाइन किया जा सकता है,
“अ मेन ऑफ फोकस, कमिटमेंट एंड शीयर विल।”
शीयर विल यहाँ सबसे बड़ा एलिमेंट है, जिसकी वजह से जॉन अनब्रेकेबल है। हेलेन इस कहानी का एक महत्वपूर्ण किरदार है, जो किसी भी मूवी में नहीं है और हर मूवी में मौजूद है।

जॉन विक 4 में सिर्फ एक सीन आपके पैसे वसूल कर सकता है कि जब – 40 million dollars की खातिर दुनिया भर के गैंग John Wick को मारना चाहते हैं और जॉन एक खंडहर में उनसे लड़ रहा है। पर ये सीन नॉर्मल शूट नहीं हुआ है, बल्कि इसे शूट करने के लिए टॉप शॉट (tracking) का इस्तेमाल किया गया है जो बिल्कुल अनोखा अनुभव देता है।
John wick 1 से –
जॉन अंडरवर्ल्ड का सबसे क़ाबिल असासिन है, जो कि अब रिटायरमेंट ले चुका है, लिविंग लीजेंड बन चुका है। उसके बारे में अनेक किवदंतियां प्रचलित हैं और सब की सब सच हैं, जैसे वह बस एक पेंसिल से 3 लोगों की जान ले चुका है।
उसके आसपास की चीज़ें उसके हाथ में आकर घातक हथियार बन जाती हैं। उसे कोई मार नहीं सकता। ‘बाबा यागा’, ‘बूगीमैन’ जैसे नामों से भी मशहूर है।
लेकिन प्यार की ख़ातिर वह इस अपराध की दुनिया से मुक्ति चाहता है। हाई टेबल, जो कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली 12 क्राइम लॉर्ड्स का समूह है, जिसकी अवज्ञा कोई नहीं कर सकता, जो सब नियम क़ायदे बनाता है, उसको एक ‘असंभव कार्य’ देता है जिसे पूरा करने के बाद उसे आज़ादी मिल सकती है। वह काम पूरा कर भी देता है और शादी करके प्रेम से सादा सुकून भरा गृहस्थ जीवन जीता है।
लेकिन पत्नी की मृत्यु उसे तोड़कर रख देती है। वह फिर भी जीने की इच्छा नहीं छोड़ता। डिप्रेशन में शराब, ड्रग्स, सिगरेट के नशे में ख़ुद को नहीं घोलता बल्कि ज़िन्दा रहना चाहता है ताकि मरते दम तक प्रेम की यादें जी सके। उसकी अन्तिम इच्छा है जो दुनियाभर में फैले उसके खौफ से बिल्कुल मेल नहीं खाती। बहरहाल, बात असंभव कार्य की हो रही थी।
John Wick 2 से –

अपने उस असंभव कार्य को पूरा करने के दौरान वह कुछ लोगों से मदद लेता है और कुछ लोगों की मदद करता है। जिन लोगों से उसने मदद ली है उनका कर्ज़दार होता है और जिन लोगों की उसने मदद की है, उन पर उसका एहसान होता है जो चुकाया जाना बाक़ी होता है, जो कि ब्लड ऑथ मार्कर के रूप में होता है, जिसमें दोनों के ख़ून के अंगूठे के निशान होते हैं। आगे की कहानियों में इन मार्कर्स की विशेष भूमिका है। इसी रक्त शपथ को पूरा करने के लिये उसे मजबूरन उस दुनिया में लौटना पड़ता है।
John Wick की विशेषता इसका नॉन स्टॉप, अभिनव एक्शन, जिसमें विविधता और प्रयोगधर्मिता देखने को मिलती है।
पर फिल्म की यूएसपी है – डेन लॉस्टेन की कमाल सिनेमेटोग्राफी।
“कहानी में नया क्या है?” वालों को निराशा होगी क्योंकि कहानी एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक सरल रेखा खींचो, इतनी ही सरल है। पर ग़ौर किया जाए तो हर चैप्टर का एक अभीष्ट है। हर कोई आश्चर्य करता है, जॉन, एक कुत्ते के पिल्ले और एक कार के लिये पूरे अंडरवर्ल्ड से पंगा? कोई उसकी उद्विग्नता नहीं देखता, पूरा संसार जो उसकी प्रेमिका ‘लविंग वाइफ’ के साथ ही ख़त्म हो गया, उसके आख़िरी तोहफ़े भी छीन लिए गए, मौत के डर को तो कब का जीत ही चुका।
अब बस ‘वेन्जेन्स’ है, किसी के साथ ग़लत किये बिन इतना भुगतने पर उपजी प्रतिशोध की भावना, जो ख़ून के बदले ख़ून माँगती है। तभी से यह अंतहीन सिलसिला चल निकलता है। “मैं सबको मार दूँगा, जो भी मुझे मारने आया।”
वहाँ से शुरू हुई जर्नी आज़ादी, मुक्ति और शांति तक का सफ़र तय करके अंजाम पाती है। “पहली बार देखा है, टॉप पर पहुँचा कोई इंसान इतना संघर्ष कर रहा है, वहाँ तक पहुँचने के लिये, जहाँ से वह चला था।” परिणीति यही है। वह अंजाम, जिस पर फैन्स को यक़ीन नहीं है, 5th पार्ट की उम्मीद ज़िन्दा है।
उससे पहले बैलेरीना स्पिन ऑफ आ रहा है। प्रीक्वल में जॉन की शुरुआती ज़िन्दगी की झलक मिलेगी।
यहाँ सब कुछ सटल है, भावनाएं भी हैं, दोस्ती है, प्रेम कहानी सतह के भीतर बहती है। हेलेन, जॉन की पत्नी जिसे वह खो चुका है, केवल कुछ फोटोग्राफ, कुछ झलकियां, कुछ यादें, वीडियो में ही कुछ सेकंड को नजर आती हैं बाकी कहीं कोई लव इंटरेस्ट या रोमांटिक सीक्वेंस नहीं है।
आमतौर पर क्राइम स्टोरीज़ में सेक्स, ग्लैमर और न्यूडिटी का जमकर तड़का लगाया जाता है, बार डांसर्,स पोल डांस और बेड सीन का सम्मिश्रण तयशुदा फार्मूला है लेकिन जॉन विक में कहीं भी ऐसा कोई एक भी दृश्य किसी भी मूवी में नहीं रखा गया है। शुद्ध एक्शन जिसे कह सकते हैं, मानवीय मूल्य, दोस्ती और ज़ुबान की कीमत मुख्य तत्त्व हैं।
John Wick और कुत्ते
कुत्तों की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। पहली फ़िल्म कुत्ते से ही शुरू होती है।
ऑलमोस्ट परफेक्ट इन सबकी विशेषता यह भी है कि कहीं क़ानून-व्यवस्था नाम की चिड़िया के दर्शन नहीं होते। बेवजह पुलिस वेन्स की चियाऊं चियाऊं, ख़ुद को सरेंडर कर दो वाली बकैती ग़ायब है। कितने ही बड़े शहर के मुख्य चौराहों, स्टेशन्स, प्लेटफॉर्म्स, आर्ट गैलरीज़ में कितनी ही मार मची हो, एक ठौ पुलिसवाला नज़र नहीं आएगा। डू नॉट डिस्टर्ब मोड।
अपना फ़ैलाया रायता आप साफ़ करो। बार में मारकाट मची है, ओपन शूट-आउट चल रहा, पब्लिक जान हथेली पर लिए नाचे चली जा रही है। मरने दो स्यालों को आपस में। यूँ ट्रेन से उतरकर बाहर निकलना मुहाल, यूँ देश-विदेश घूमा जा रहा आराम से। इन मूवीज़ को देखकर लगता है सिग्नल के भिखारी से लेकर मोमोज़ के ठेले वाले तक या तो हिट मैन हैं या अन्डरवर्ल्ड के लिए काम करते हैं।
John Wick 3 से –
अंडरवर्ल्ड में कमिटमेंट और ज़ुबान की कितनी क़ीमत है, इसका अंदाज़ा एक दृश्य से हो जाएगा। जॉन को ‘एक्सकम्युनिकेडो’ घोषित किया जाता है मतलब उसके सारे विशेषाधिकार छीन लिए जाते हैं और उसे बहिष्कृत तथा निर्वासित कर दिया जाता है। लेकिन दोस्ती की ख़ातिर होटल मैनेजर उसका निर्वासन और बहिष्कार 1 घंटे के लिए रोक लेता है।
इस बीच बुरी तरह से घायल जॉन अपने डॉक्टर के पास जाता है, जो अंडरवर्ल्ड के लोगों का इलाज करता है। उसका समय समाप्त हो रहा है, घड़ी के कांटे भाग रहे हैं, डॉक्टर उसके कँधे के गम्भीर घाव पर टाँके लगा रहा है। वहाँ उन दोनों के अलावा कोई तीसरा नहीं है फिर भी जैसे ही घड़ी का कांटा 1 घंटे की समाप्ति की सूचना देता है, डॉक्टर उसका घाव आधा ही सिलकर रुक जाता है और कहता है मुझे मुआफ़ करना मेरे दोस्त, अब तुम बहिष्कृत हो चुके हो अब मैं एक टांका भी और नहीं लगा सकता।
तब जॉन ख़ुद आईने में देखकर बचा बचे हुए घाव पर टांके लगाता है। डॉक्टर उसे बताता है कि एंटीबायोटिक और पेन किलर कहां रखी हैं लेकिन फिर उस से आग्रह करता है वह उसे गोली मार दे क्योंकि उसने नियम तोड़े हैं। हाई टेबल यह विश्वास नहीं करेगा कि उसने समय समाप्त होते ही हाथ रोक दिया था और साथ ही साथ उसने समय समाप्ति के बाद उसे दवाएं भी बताईं, यह दोनों ही अक्षम्य अपराध हैं।
इसी तरह हर प्रमुख शहर में एक कॉन्टिनेंटल होटल होता है जो कि न्यूट्रल ग्राउंड होता है। “नो बिज़नेस शुड बी डन ऑन कॉन्टिनेंटल ग्राउंड”। यह होटल हर अंडरवर्ल्ड से जुड़े सदस्य की आश्रय स्थली और अभयारण्य हैं। ख़ून के प्यासे दो क्रिमिनल उस जगह पर एक साथ ड्रिंक करते हैं क्योंकि उस जगह कोई ख़ून-ख़राबा नहीं हो सकता और यह नियम तोड़ने की सज़ा केवल मृत्यु है।
John Wick ने न केवल कियानु रीव्ज़ के कॅरियर को पुनर्जीवित किया बल्कि चैड स्टेहस्की को भी बतौर शानदार डायरेक्टर स्थापित किया है। मैट्रिक्स के बाद कियानु और लॉरेंस फिशबर्न की जोड़ी को फिर से देखना भी सुखद है। कुल मिलाकर पबजी जैसी तेज़ गति, प्रोमिनेन्ट इमोशंस, बढ़िया एक्शन, अनकंप्रोमाइज़िंग, इंटेंस, एंटरटेनिंग पैसा वसूल मूवी है जो एक्शन लवर्स को बेहद पसंद आएगी, जिनको बम-बारूद, रॉकेट लॉन्चर्स के बिना मन भर एक्शन देखना पसंद है।