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फिल्में हालाँकि शुक्रवार को रिलीज़ होती हैं पर Jawan एक दिन पहले, गुरुवार को ही रिलीज कर दी गई। डिस्ट्रीब्यूटर्स ने वीकिन्ड को तीन की बजाए 4 दिन का बना दिया। और अब लगता है कि उनकी ये ट्रिक काम भी कर गई क्योंकि जवान ने पहले ही दिन डमेस्टिक कलेक्शन के पिछले सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए।

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मशहूर ट्रेड एनिलिस्ट और फिल्म समीक्षक तरण आदर्श ने ट्वीट (एक्स) कर बताया कि Jawan की पहले दिन की डमेस्टिक कमाई 65 करोड़ 50 लाख रुपये है। ये आंकड़ा पठान से तकरीबन 20 प्रतिशत ज़्यादा है।

फिल्म पठान पहले दिन में 55 करोड़ रुपये बटोर पाई थी। पठान की लाइफ टाइम कलेक्शन की बात करें तो भारत से शाहरुख खान को 654 करोड़ रुपये की कलेक्शन मिली थी।

Jawan पठान से कहीं आगे जाने वाली फिल्म है

jawan

हालाँकि पठान का कंटेन्ट जवान के मुकाबले में बहुत हल्का था और एलीट सिनेमा लवर्स को पसंद नहीं आया था, फिर भी फिल्म वर्ल्डवाइड कलेक्शन के मामले में एक हज़ार करोड़ का एतिहासिक आँकड़ा पार कर गई थी। तो अगर हम पठान के हिसाब से ही जवान का बिजनेस कैल्क्यलैट करें, तो यह पठान से कहीं पहले उसका ऑल टाइम कलेक्शन पार कर जायेगी।

तमिल फिल्मकार अरुन कुमार उर्फ एटली ने जवान में एक बढ़िया मुद्दा उठाया है। हालाँकि सिस्टम के खिलाफ एक अकेला आदमी हम पहले भी बहुत सी साउथ फिल्मों में देख चुके हैं। पर एटली ने इसी चीज़ को एक स्टाइलिश ढंग से, बढ़िया तरीके से, एक आदमी संग छः लड़कियों को जोड़कर परोसा है जो देखने में रोचक लगता है।

पर फिल्म के बेतुके गाने, लंबे-लंबे स्लो मोशन दृश्य और बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया सिस्टम का अत्याचार शायद आपका सिरदर्द कर सकता है। पर अगर आप शाहरुख खान के जबरे फैन हैं तो इस फिल्म में आपके लिए सब कुछ है, हर मसाला हर फ्लेवर मौजूद है।

खैर बिजनेस कलेक्शन पर वापस आते हैं, ट्रेड पंडितों की माने तो Jawan का वीकेन्ड क्योंकि 4 दिन का है इसलिए ये आराम से पहले ही सप्ताहांत में 200 करोड़ का आँकड़ा पार कर लेगी और पहले ही हफ्ते में अपना 300 करोड़ का बजट आसानी से कवर कर लेगी।

Jawan के लाइफटाइम बिजनेस का अंदाज़ा लगाऊँ तो मुझे लगता है कि ये 800 करोड़ के आसपास (डमेस्टिक) में पहुँचेगा।

बहरहाल, आम जनता फिल्म Jawan की भर भर के प्रशंसा कर रही है इसलिए इसका ब्लॉकबस्टर होना तो बिल्कुल तय है। पर केजिएफ, पुष्पा, पठान, गदर 2 और अब जवान जैसी फिल्मों का इतने बड़े पैमाने पर हिट होना इस बात की तरफ साफ इशारा करता है कि एलीट क्लास अब सिनेमा की सड़क छोड़ ओटीटी पर आँखें सेककर ही खुश हैं। क्योंकि जैसे जैसे हम सिनेमा में फिज़िक्स और ग्रैविटी का साथ छूटता देख रहे हैं, वैसे वैसे ओटीटी पर और ज़्यादा लॉजिकल, वेल रिसर्च और शानदार तरीके से लिखा कंटेन्ट देखने को मिल रहा है।

तो, इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें, शाहरुख फैंस को फॉरवर्ड करना बिल्कुल न भूलें, आखिर कबतक सारा मज़ा गदर फैंस ही लूटते रहेंगे 😉

पढ़ने के लिए शुक्रिया।

सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’


सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'

मैं सिद्धार्थ उस साल से लिख रहा हूँ जिस साल (2011) भारत ने वर्ल्डकप जीता था। इस ब्लॉगिंग के दौर में कुछ नामी समाचार पत्रों के लिए भी लिखा तो कुछ नए नवेले उत्साही डिजिटल मीडिया हाउसेज के लिए भी। हर हफ्ते नियम से फिल्म भी देखी और महीने में दो किताबें भी पढ़ी ताकि समीक्षाओं की सर्विस में कोई कमी न आए।बात रहने की करूँ तो घर और दफ्तर दोनों उस दिल्ली में है जहाँ मेरे कदम अब बहुत कम ही पड़ते हैं। हालांकि पत्राचार के लिए वही पता सबसे मुफ़ीद है जो इस website के contact us में दिया गया है।

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