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Extraction 2 एकदम थियेटर रिलीज़ की वर्थ रखने वाली पैसा वसूल, एक्शन लवर्स के लिये मस्ट वॉच है। ख़ासकर 600 करोड़ फूँककर चोमू VFX डालकर कुछ भी परोस देने वाले चमन बहारों के लिये मास्टरपीस एक्शन किसे कहते हैं, उसकी क्लास है।

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बहुत ही कम सीक्वल होते हैं जो पहले पार्ट से बेहतर होते हैं। Extraction 2 उन बहुत कम में से एक है।
Extraction 2 प्योर एक्शन मूवी है, पर अमूमन ऐसी फिल्मों में स्टोरी नहीं मिलती, पर इस बार “स्टोरी कहाँ है, कहाँ है स्टोरी” वालों के लिये भी बहुत कुछ है। इसमें इमोशंस हैं, आँसू हैं पर रोमांस नहीं है, सतह के नीचे बहता प्रेम और रिश्तों से परे बॉन्डिंग भी है। जांनिसारी की हद तक दोस्ती भी है, लेकिन क्लीशै कुछ नहीं है।

Extraction 2 का डायरेक्टर कौन है? है कौन डायरेक्टर?

सबसे पहले तो एक्शन की बात करते हैं, जिसे देखने के बाद सबसे पहले डायरेक्टर को सर्च किया।
सैम हाग्रेव एवेंजर एंडगेम के साथ-साथ मार्वल की और कई फिल्मों में स्टंट असिस्टेंट रह चुके हैं। एक-एक एक्शन सीन इतनी ख़ूबसूरती से क्राफ्ट किया गया है, ऑन द एज ऑफ सीट कह लें, एड्रेनल पम्प कह लें, जॉ ड्रॉपिंग कह लें, हर अलंकार इसके एक्शन पर फिट होता हैं। फिर चाहे हैंड टू हैंड कॉम्बेट हो, कार चेज़िंग हो, ट्रेन सीक्वेंस हों, हेलीकॉप्टर चेज़िंगहो या टिपिकल रूफटॉप कॉम्बैट हो, स्क्रीन से नज़र हटाना ऑल्मोस्ट इम्पॉसिबल लगता है।
एक फिल्म में जैसे तीन पार्ट्स होते हैं, वैसे ही इसमें 3 एक्शन पार्ट्स हैं। पहला और सबसे शानदार एक्शन बाइसवें मिनट पर क्रिस की जेल में एंट्री से शुरू हुआ और 47 मिनट पर कम्प्लीट होता सिंगल शॉट होने का ऐसा बढ़िया आभास देता है कि बस, मज़ा आ जाता है। क्रिस हेम्सवर्थ कमाल हैं लगते हैं।
जैसा कि होना चाहिये, जो अपने फील्ड में माहिर हो, उसका काम बोलना चाहिये, न कि लाउड डायलॉग्स, तो इसमें भी डायलॉग्स कम हैं, फिर भी बहुत कुछ कह जाते हैं। extraction के पहले पार्ट में जहाँ छोड़ा था, कहानी वहीं से शुरू होती है। बुरी तरह से घायल, मरने की कगार पर पहुँचे टायलर रैक को निक की टीम रेस्क्यू कर लेती है। लगातार महीनों तक कॉमा में रहने के बाद डॉक्टर्स उम्मीद छोड़ चुके हैं।
“आई एम नॉट गिविंग अप ऑन हिम।” 
निक और टायलर के बीच का यह मज़बूत बॉन्ड और एक-दूसरे पर यह विश्वास पूरी मूवी में देखने मिलता है, तब, जब निक, टायलर का लाइफ सपोर्ट हटाने को तैयार नहीं है या तब, जब रूफटॉप से बेहोशी की हालत में गिरने को होती निक को टायलर गोली लगने के बावजूद थामे रखता है।
“क्या तुम मुझ पर भरोसा करती हो?”
“नहीं करना चाहिये क्या?”
 वे बस कॉन्ट्रैक्ट किलर्स की बेहतरीन टीम भर नहीं है बल्कि एक-दूसरे के लिये किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, पर इमोशंस अपने तक रखते हैं, जो कहना हो आँखें कहती हैं।
कहानी टायलर रैक के अतीत में जाती है। जैसा कि Extraction 1 में भी बताया था, अपने इकलौते बच्चे को वह कैंसर में खो चुका है और जब उसने आख़िरी साँस ली थी, वह उसके पास नहीं था, कंधार में एक मिशन पर था यह बात उसे हमेशा सालती है।
“आई कुडन्ट फिक्स इट।” कई सालों से दर्द और पछतावे की इंतेहा सह रहा एक बेहद कुशल सोल्जर, असासिन पर अंदर से टूटा हुआ पिता इतना ही कह पाता है।
कई नाज़ुक मौक़ों पर जब पात्र कशमकश में होते हैं, उसके सिर का हल्का सा इशारा उन्हें सपोर्ट देने, आश्वस्त करने को क़ाफी होता है।
क्योंकि प्रोड्यूसर रूसो ब्रदर्स हैं इसलिए दो जगह थॉर की याद दिलाई गई है, एक बार एसगार्ड के गेटकीपर इदरीस अल्बा के कैमियो में, दूसरी बार क्लाइमेक्स में जब टायलर और विलन के बीच हैंड-टू-हैंड कॉम्बेट में टायलर को हथौड़ा दिखता है, पर क्लीशे होते होते बच गया, टायलर हथौड़े तक नहीं पहुँच पाता।
कहानी की बात करें तो कॉमा से बाहर आया टायलर लगभग रिटायर होकर वीराने में रिकवर होने में लगा है, तभी उसके पास अपनी एक्स वाइफ मिया की तरफ से कॉन्ट्रेक्ट कम मदद की गुहार आती है, उसकी साली अगले दस साल के लिये, बिना किसी क्राइम केजॉर्जिया की एक जेल में अपने दो बच्चों के साथ फँस गई है। उसका पति ड्वैट, जिसका अपने भाई ज़ुराब के साथ जॉर्जिया की सरकार में बहुत अमल-दख़ल है। ये क्राइम लॉर्ड सरकार के पेरेलल अपना साम्राज्य खड़ा कर चुके हैं।
extraction 2
ये ख़ुद को नागाज़ी (Nagazi)  भाई कहते हैं (nazi जैसा साउन्ड करता है), ये जॉर्जिया में मसीहा की तरह माने जाते हैं। ड्वैट को अमेरिका के दबाव में जेल तो हुई है, पर जेल में सब सुविधाएं भी हैं और जब उसकी सज़ा दस साल और आगे बढ़ जाती है, वह अपने परिवार को भी जेल में रहने पर मजबूर करता है।
टायलर को मिया की बहन केटेवन और उसके बेटे सेन्ड्रो, बेटी नीना को जॉर्जिया की जेल से extract कर,  मिया के पास सुरक्षित पहुँचाना है, जिसके लिए उसे ड्वैट और ज़ुराब की पूरी आर्मी से भिड़ना होगा।
इदरिस अल्बा के दो सीन भी दमदार हैं, Mariami Kovziashvili के कम सीन हैं पर वो बच्चों को संभालती, जेल में टाइलर की मदद करती बहुत शानदार लगी हैं।
एडम बेसा कॉमेडी करने के साथ-साथ इस बार ईमोशनल भी कर गए हैं।
एक कन्फ्यूज़्ड टीनएजर के रूप में Andro Japaridze की acting भी बढ़िया है।
पर सबसे खूबसूरत है निक यानी Golshifteh Farahani और Chris Hemsworth की केमेस्ट्री। ये दोनों सिर्फ दोस्त होकर हो, या दोस्त से ज़रा बढ़कर भी एक दूसरे के प्रति ऐसे समर्पित, ऐसे supportive नज़र आते हैं कि एक ईमोशनल सीन्स से भी निगाह नहीं हटती है।
Greg Baldi की सिनिमटाग्रफी इतनी शानदार है कि जेल रेस्क्यू सीन में वाकई ये विश्वास हो जाता है कि इसमें कोई cut नहीं लिया गया है। तारीफ यहाँ राइटर जो रूसो की भी बनती है कि जिन्होंने फिल्म को टू द पॉइंट रखा।
कुलमिलाकर एकदम सिम्पल स्टोरी के साथ, शानदार लोकेशन्स और फ़ास्ट पेसिंग एक्शन सीन्स इसे वर्थ वॉच बनाते हैं।
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