Durgesh Kumar कहते हैं कि “हर व्यक्ति के अंदर एक बनराकस छिपा होता है। कोई भी उसे बाहर नहीं निकालता है लेकिन मुझे इसे सामने लाने को कहा गया। मैंने बस वही किया।”
अगर आप वेब सीरीज के फैन है और आपने पंचायत का दूसरा सीजन देखा है तो आप ‘बनराकस’ शब्द से जरूर परिचित होंगे। पंचायत 2 को ऑडियंस का बहुत प्यार मिला है जिसके सारे कलाकारों की एक्टिंग काफी अच्छी है लेकिन एक कलाकार ऐसा है जिसे कोई भूल नहीं पाया। उनका नाम है- Durgesh Kumar उर्फ भूषण उर्फ बनराकस।
बिहार के दरभंगा के Durgesh Kumar ने NSD से 2011 में एक्टिंग सीखी थी। भूषण कुमार, जो पिछले नौ वर्षों से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में विभिन्न वेब सीरीज में छोटी भूमिकाएं कर रहे हैं। भूषण कुमार का कहना है कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि उनका ये किरदार लोगों को इतना पसंद आएगा। उन्होंने इस किरदार के लिए पंचायत 2 के लेखक और निर्देशक का धन्यवाद किया है।
एक अखबार से बातचीत करते हुए अपने किरदार के बारे में Durgesh Kumar कहते हैं कि “हर व्यक्ति के अंदर एक बनराकस छिपा होता है। कोई भी उसे बाहर नहीं निकालता है लेकिन मुझे इसे सामने लाने को कहा गया। मैंने बस वही किया।”
लेकिन आज जिस बनराकस के किरदार को हम पसंद कर रहे हैं उस कलाकार Durgesh Kumar के लिए एक्टिंग उनकी पहली पसंद कभी नहीं था। उनके परिवार वाले चाहते थे कि वो इंजीनियरिंग कर एक स्थिर जीवन जीए। इसके लिए उन्होंने स्कूल खत्म करने के बाद साल 2001 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए दिल्ली आ गए लेकिन इंजीनियरिंग नहीं कर पाए।
इसके बाद Durgesh Kumar के बड़े भाई ने उन्हें थिएटर करने का सुझाव दिया ताकि उनका व्यक्तित्व विकास हो सके। उन्होंने अपने भाई की बात मानते हुए श्री राम सेंटर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट में थिएटर करना शुरू किया। उन्हें थिएटर करने में मजा आने लगा। थिएटर के साथ ही वो इग्नू से हिंदी में ऑनर्स किया। इस दौरान उन्हें NSD में पढ़ने का मौका मिल गया। उन्होंने कुछ ग्रुप ज्वाइन किया जो जगह जगह प्रदर्शन करते थे। इन ग्रुप्स की वजह से उन्हें इम्तियाज अली के साथ उनकी 2014 की फिल्म हाईवे में काम करने का मौका मिला।
हालांकि, हाईवे के लिए आलोचनात्मक प्रशंसा के बावजूद, दुर्गेश कुमार को कहीं काम करने का मौका नहीं मिला और मुंबई में रहना उनके लिए मुश्किल होने लगा। हाईवे के बाद, उन्होंने कैंडी, बिछो का खेल, भौत हुआ सम्मान जैसी कुछ वेब सीरीज़ की, लेकिन फिर भी उन्हें ऑडिशन के लिए जाना पड़ता था। उन्हें कभी भी सीधे तौर पर यह रोल ऑफर नहीं किया गया। दुर्गेश को कई रिजेक्शन का भी सामना करना पड़ा जो उनके लिए काफी निराशाजनक था। लेकिन तब एक अभिनेता के लिए संघर्ष कभी खत्म नहीं होता।
जब आपको नियमित रूप से भूमिकाएं मिलती हैं, तो मुंबई जैसे बड़े शहर में एक अभिनेता के लिए जीवित रहना आसान होता है। लेकिन अगर यह आना बंद हो जाए तो यह बहुत मुश्किल हो जाता है। दुर्गेश बताते हैं कि उनके परिवार ने मुश्किल समय में उनका बहुत साथ दिया।
पंचायत के पहले सीज़न में एक कैमियो के बाद, Durgesh Kumar को इस बात का अंदाजा नहीं था कि शो का दूसरा सीज़न बन रहा है। उन्होंने सीजन 1 के लिए केवल एक दिन की शूटिंग की थी। लेकिन कास्टिंग डायरेक्टर ने उन्हें कॉल किया और उन्हें बताया कि उनके कैरेक्टर की लंबाई बढ़ा दी गई है। इस बार उन्होंने 20 दिनों तक शूटिंग की। स्थान था मध्य प्रदेश का महोदिया गांव।
तो इस तरह से Durgesh Kumar एक आम व्यक्ति से बनराकस तक का सफर तय किए हैं। दुर्गेश कुमार जल्द ही Red Chillies की भक्षक और इत्तू सी बात में दिखाई देंगे, जो 17 जून को रिलीज़ हो रही है। Also Read: अब Karan Johar चोरी भी करने लगे! एक राइटर ने कहानी चुराने का लगाया इल्जाम
ये लेखक के निजी विचार है।