Ashram 3 Mx Player पर स्ट्रीम हो चुकी है। आइए जानते हैं कि इस बार प्रकाश झा एंड टीम ने कहानी को क्या मोड़ दिया है।
Ashram 3 Review: जब आश्रम पहली बार MxPlayer पर स्ट्रीम की गई थी तो किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस सीरीज को इतना पसंद किया जाएगा। हालांकि आश्रम को लेकर कई तरह के विवाद भी हो चुके हैं। फिल्म के डायरेक्टर प्रकाश झा और लीड एक्टर बॉबी देओल पर कई केस भी चल रहे हैं। फिर भी सभी अपने काम में लगे हुए थे। और आश्रम 3 का रिलीज होना इस बात का सबूत है कि कई धमकी मिलने और सेट पर हमले होने के बाद भी सीरीज को रिलीज होने से रोक पाना असंभव था।
(वैसे भी बाबा निराला जो चाहता है उसे पाने से उन्हें कोई रोक नहीं सकता। बाबा जाने मन की बात)।
Ashram 3 Mx Player पर स्ट्रीम हो चुकी है। आइए जानते हैं कि इस बार प्रकाश झा एंड टीम ने कहानी को क्या मोड़ दिया है।
कहानी वहीं से शुरू होती है जहाँ सीजन 2 खत्म हुआ था। पम्मी आश्रम से बाहर निकलने में सफल हो जाती है। और इसमें उसकी मदद अक्की कर रहा है। दोनों प्रदेश में सभी से छुपकर रह रहे हैं (लेकिन कब तक बाबाजी के नजरों से बच पाएंगे क्योंकि जो एक बार आश्रम आ जाता है वो फिर अपनी मर्जी से बाहर जाने का सोच भी नहीं सकता)।
खैर भोपा स्वामी, प्रदेश में पूरा फोर्स लगा देता है लेकिन पम्मी को ढूंढ निकालने में विफल रहता है। भाई साहब मतलब पूरी पुलिस की टीम, क्राइम ब्रांच, साइबर सिक्योरिटी यहाँ तक की बैंक वाले भी सब एक काम में लगे हैं- पम्मी को ढूढने में जैसे उन्हें तो कोई दूसरा काम है ही नहीं।
बाबा निराला इस बात को स्वीकार नहीं कर पाता कि पम्मी आश्रम से भाग सकती है। वहीं पम्मी ताक में बैठी है कब उसे मौका मिले और वो बाबा निराला की जान ले सके। लेकिन बाबा को मारना इतना आसान थोड़ी है।
वहीं हुकुम सिंह सीएम बनने के बाद भी बाबा निराला के हाथों की कठपुतली बना हुआ है। मंत्रिमंडल का गठन करने के लिए भी उसे बाबा निराला का मेन्यू कार्ड मिलता है जिस पर किस पद का कितना करोड़ रुपये मंत्रियों को चुकाना है ये लिखा हुआ है (ऐसे होने लगा तो इस प्रदेश का कल्याण ही होगा, जपनाम)।
हुकुम सिंह जो प्रदेश की बागडोर अपने हाथ में लेना चाहता है वो अमेरिका से अपनी एक दोस्त सोनिया को इंडिया बिजनेस करने के लिए बुलाता है। यहाँ सोनिया बाबा निराला को अपने जाल में फंसाने के लिए उसकी भक्त होने का दिखावा करती है और प्रदेश को स्वर्ग बनाने का अप्रूवल ले लेती है। (सोनिया जी की जय हो)
अब यहाँ से बाबा निराला अरे नहीं नहीं, अब बाबा निराला बाबा नहीं बल्कि भगवान बन चुके हैं। सोनिया जी ने तो बाबा को भगवान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उनकी ब्रांड वैल्यू बढा रही है। अब जब बाबा निराला को भगवान की जगह दे दी गई है तो वो भी अपने काम में लग जाता है। और प्रदेश को स्वर्ग बनाने की तैयारी करने लगता है। इसके लिए वो आदिवासियों की जंगल वाली जमीन पर कब्जा कर लेता है।
जमीन पर कब्जा करने का जो तरीका प्रकाश झा ने सीरीज में दिखाया है वो तो देखना बनता है। (बाबा जाने मन की बात, जपनाम)
उधर उजागर सिंह की गर्लफ्रेंड और डॉक्टर नताशा उसे छोड़कर चली जाती है। इसके बाद उजागर सिंह पुलिस ऑफिसर से खुद का ट्रांसफर I B में करा लेता है। यहाँ वो इन्वेस्टिगेशन करता है कि आखिर बाबा निराला जंगल की जमीन लेने पर क्यों तुला है।
इन सभी के अलावा बबीता भी पावर में आने के लिए टीम तैयार कर रही है। ताकि बाबा निराला से पीछा छुड़ा सके। (इनकी अपनी राजनीति चल रही है)।
अब क्या पम्मी बाबा निराला को मारने में सफल होगी? या बाबा निराला उसे पकड़ लेगा? उजागर केस को क्या नया मोड़ देगा? क्या इस बार बाबा का सच सबके सामने आएगा? इन सवालों के जवाब आपको सीरीज देखने के बाद ही पता चलेगा। जपनाम, जपनाम, जपनाम…
एक्टिंग की बात करें तो बॉबी देओल (बाबा निराला) ने पहले सीजन से लेकर अब तक अपने रोल को बखूबी निभाया। हालांकि इस बार वो शांत और सौम्य किरदार में नहीं बल्कि विचलित और गुस्से में अधिक दिखाई दिए। चंदन रॉय सान्याल (भोपा) की एफर्टलेस एक्टिंग काफी अच्छी थी।
अदिति पाहनकर जो पम्मी पहलवान का रोल निभा रही थी। उनकी पीरा साफ दिखाई दे रही थी। बाबा से बदला लेने के लिए वो जल रही होती है।
अन्य कलाकार जैसे सीएम के रोल में सचिन श्रॉफ शुरुआत से ही अपने रोल में फिट थे। दर्शन कुमार(उजागर सिंह) ने अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं Ashram 3 में पहली बार नजर आई ईशा गुप्ता अपने किरदार में अच्छी लगी है। चालबाजी और खूबसूरती उनके किरदार से छलक रही थी।
छोटे कलाकारों के रोल की बात करें तो प्रकाश झा ने बिहार के रहने वाले अभिनेता अमित रंजन को सीरीज में मौका दिया है। उनका रोल छोटा है लेकिन एक्ट्रेस अनुरिता झा के साथ उनका एक छोटा सा इंटीमेट सीन है।
सीरीज Ashram की कहानी में राइटर्स की मेहनत दिखाई देती है। पहले सीजन से लेकर दूसरे सीजन के तीसरे पार्ट तक कहानी को बेहतरीन तरीके से बांधा गया है। लेकिन बीच में बाबा का भगवान बनने वाला पार्ट बहुत cliche लगा है।
मैं ग्राउंड लेवल पर तो नहीं जानती कि लोग कैसे एक बाबा पर इतना विश्वास करते हैं कि उन्हें भगवान मानने लगते हैं। लेकिन जैसे सीरीज में दिखाया गया है उसे देखकर तो ऐसा ही लगता है कि लोगों में कॉमन सेंस है ही नहीं क्योंकि अगर होती तो वो देख पाते कि कैसे कोई बाबा पूरे प्रदेश को कंट्रोल कर रहा है और वहां की गवरमेंट भी हाथ जोड़े उस बाबा के सामने खड़ी है।
खैर, सीरीज के अंत होते ही इसके चौथे पार्ट की अनाउंसमेंट भी कर दी गई है जो 2023 में रिलीज किया जाएगा।
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