Salman Khan ने कभी-ईद कभी-दीवाली को बदलकर किसी का भाई किसी की जान, bhaijaan क्यों किया?
Salman Khan कि फैन फालोइंग का तो कोई जवाब नही, इसपे तो अपन लोगों को कोई शक नहीं कि एक तरफ छपरी-टपरी की भीड़ एक था टाइगर, टाइगर ज़िंदा है, टाइगर मेरे चाचा का लड़का था, टाइगर फिर से मरेगा आदि टाइटल्स हिट करवा देते हैं तो घर की महिलायें वीकेंड का वार में Salman Khan भाईजान की बलैयां ले लेती हैं।
अब ऐसी ही पब्लिक को भुनाने के लिए Salman Khan भाई राधे लेकर आए थे, जो रिलीज़ न हो सकी तो जी5 पर धूम मचा गई! सेम फॉर्मूला भाई ने अंतिम में भी किया, इसमें अपने जीजे के साथ सलमान खान सरदार बने हाथा-पाई करते नज़र आए थे। पर ये फिल्म तो मुँह के बल गिर गई।
दूसरी ओर, डेविड धवन की अनक्रडिटेड कुम्भ के मेले में बिछड़े भाई फरहाद सामजी को तमिल फिल्म वीरम इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने अक्षय कुमार के साथ इसका रीमेक बनाने की कसम खा ली। फिल्म का टाइटल भी सोच लिया, लैंड ऑफ लुंगी, लेकिन अक्षय तो अक्षय हैं, वो किसी Salman Khan से पीछे थोड़ी, उन्होंने फिल्म में इतने पेंच निकाल लिए कि फरहाद ने फिल्म का नाम चेंज करके बच्चन पांडे कर दिया और वीरम की बजाये तमिल फिल्म जिगरठंडा के राइट्स खरीद लिए।
अब इन दोनों ही तमिल फिल्मों के हिन्दी रीमेक राइट्स नाडियावाला ग्रांडसंस के पास थे, इधर फरहाद सामजी ने वीरम की कहानी सलमान को परोसी, उधर नडियावाला ने हाथ जोड़ दिए और फिल्म के राइट्स Salman Khan को बेच दिए। सलमान भाई ने Salman Khan Films के नाम पे राइट्स ले लिए और रीमेक फिल्म का नाम तय हुआ, कभी ईद कभी दीवाली।
लेकिन जल्द ही फरहाद सामजी को समझ आ गया कि ईद तो ठीक है, पर दीवाली पर मार-कुटाई से दाल न गलने वाली। इसलिए उन्होंने फिल्म का नाम भाईजान कर दिया और अपनी ऑडियंस फिक्स कर ली।
लेकिन अब बारी थी सलमान की उँगली की, उन्होंने कहा ऐसे कैसे? बिग बॉस देखने वाली जनता का क्या? पंचर वाले इतने ही टिकेट खरीदने वाले होते तो अंतिम फ्लॉप क्यों होती?
तो एक बार फिर, Salman Khan ने भाईजान का नाम बदलकर किसी का भाई, किसी जान कर दिया गया और अब इसका टीज़र फेंककर मारा है – पहले देखिए,फिर इसका रिव्यू देता हूँ
तो इस टीज़र को देखते-देखते अगर आप सो नहीं गए हैं तो समझिए कि विग लगाने से कैसे एक फिल्म से दूसरी फिल्म की शूटिंग आसानी से कर ली जाती है! इसकी शूटिंग हुई भी उस दौरान है जब अंतिम की शूटिंग चल रही थी! इस टीज़र की शुरुआत अच्छी है क्योंकि उसमें नायक के ढेर सारे बाल हैं और अच्छी कतरी हुई दाढ़ी भी है, लेकिन अगले 15 सेकंड्स बाद फ़्लैश बैक शुरु होता है और हमें नायक का पूरा मुँह देखना पड़ता है।
बहरहाल, टीज़र देखकर दो बातें तो क्लीयर होती हैं कि एक – नायक को ट्रेन और मेट्रो से बहुत प्यार है पर काँच-शीशा उसे बिल्कुल पसंद नहीं!
दूसरा, नायक रनुआ है, उसका ब्याह नहीं हुआ है इसलिए उसका निकनेम ही भाईजान पड़ गया है। हालाँकि फिल्म का टाइटल कहता है कि नायक किसी का भैया ज़रूर है पर किसी का ईलू-ईलू, जानू-बाबू बनने का भी बहुत शौकीन है!
एक बात और टीज़र में नज़र आती है कि नायक की नायिका उससे कम से कम 25 साल छोटी है पर नायक के पास दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है क्योंकि उसकी उम्र की नायिकाएं तो अब अपने बच्चों की शादी की तैयारी में वाटिकाएं बुक करती फिर रही हैं!
मज़ाक से इतर, टीज़र में एक झलक वेंकटेश डगुबाती की भी दिखती है। फरहाद सामजी का ये स्टंट तेलुगु बेल्ट को लुभाने के लिए अच्छा लगता है पर क्या तेलुगु बेल्ट सलमान खान को बिना दाढ़ी मूँछ के देख पाएगी?
ये भी पढ़ें – Pathaan Review: Pathaan मस्त मस्त 40 फिल्मों की लस्सी घोटकर स्पाई सीरीज़ में शानदार एंट्री ले रही है
मेरी नज़र में इस टीज़र में हर वो मसाला नज़र आता है जो Salman Khan की पिछली एक दर्जन फिल्मों में भी मौजूद था! प्लस, टीज़र में उत्सुकता बढ़ाने के वो सारे गुण (नहीं) हैं जो ट्रैलर का इंतज़ार करने पर मजबूर करें!
trailer of Veeram –
तो दोस्तों, ये फिल्म इस कमिंग ईद पर रिलीज़ होगी!
तो अब सवाल ये है कि क्या इस साल चाँद ईद पर दिखने की हिम्मत कर सकेगा?
क्या इस साल शुरु होने वाला रमज़ान का महीना खत्म हो सकेगा?
क्या जस्सी गिल, सिद्धार्थ निगम और राघव जुयाल सलमान खान के रहते अपनी स्क्रीन प्रेसेंज़ दे पाएंगे?
ये सब हम जानेंगे जल्द ही…
इस trailer में आपको कुछ और अनोखा दिखा हो तो comments में ज़रूर लिखिए।
Review अच्छा लगा हो तो शेयर कीजिए।