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प्रियदर्शन की Bhool Bhulaiyaa कई टॉलीवुड फिल्मों को मिला जुलाकर, उसमें Bollywood तड़का लगाकर, Logically facts को प्रूव कर बनी थी। अनीस बज़मी ने फिल्म की फ्रेंचाइज़ आगे बढ़ाने के लिए भूषण टी-series कुमार को मना लिया और कोई 12 साल बाद, 2019 में कार्तिक आर्यन और कियारा आडवाणी जैसी trending cast के साथ Bhool Bhulaiyaa 2 शुरु की, 2020 में release की तैयारी भी कर ली पर, कोरोना लॉकडाउन ने इस फिल्म को भी रोक दिया।

अब, 2021 में resume हुई shooting फटाफट खत्म कर फिल्म को 2022 फरवरी तक पूरा किया गया और दो एक बार का धक्का लगाकर फिल्म को आज, यानी 20 मई को release कर दिया गया।

ये सारी गणित मैं आपको ये समझाने के लिए बता रहा हूँ कि कैसे अच्छी भली कहानी पर फिल्ममेकर्स की जल्दबाजी घंटा लगा देती है.

कहानी शुरु होती है राजस्थान के भवानीगढ़ से (जो भानगढ़ सा sound करता है), यहाँ एक हवेली में मंजूलिका नामक चुड़ैल तब्बू की चोटी पकड़कर उसे घसीट रही है, उसको सीढ़ियाँ भी लिटाते हुए  धड़-धड़ कर उतार रही है, भले ही अब इसमें तब्बू के तबले चटक जाएँ, पर चुड़ैल किसी की नहीं सुन रही है।

यहीं एक तांत्रिक (गोविंद नामदेव) इसे 3rd फ्लोर के एक कमरे में बंद कर देता है और सब लोग हवेली छोड़कर चले जाते हैं।

(यार जब हवेली में किसी को रहना ही नहीं था तो बिचारी को एक कमरे में बंद क्यों किया? कम से कम टहलने के लिए तो पूरी जगह देते)

अब कहानी सीधे 18 साल का lapse लेकर मनाली पहुँच जाती है, जहाँ रुहान उर्फ कार्तिक आर्यन सुंदर सी प्यारी सी मुलायम सी रीत उर्फ कियारा आडवाणी से बड़े logical इत्तेफाक  से मिलता है। कियारा गजब की सुंदर और गुलाबी लगती हैं, पर उनकी आँखों के ऊपर दो बड़ी-बड़ी मूँछों सी eyebrow shin-chan जैसी दिखती हैं।

इन दोनों की दोस्ती होती है, ये चंडीगढ़ जाने से पहले मनाली music festival में, बर्फ के बीच आधे कपड़ों वाली लड़कियों के साथ नाचने लगते हैं (यहाँ cinematography बहुत शानदार है) और अपनी बस छोड़ देते हैं। उस bus का accident हो जाता है।

अब कहानी में कुछ ऐसा twist बनता है कि कियारा के घरवाले जो उसकी शादी की planning कर रहे थे, उन्हें पता चलता है कि कियारा निपट गई। इधर कियारा कार्तिक को लेकर उसी bhool bhulaiyaa 2 हवेली में चली जाती है (logically correct) और भूत-भूतनी का सिलसिला शुरु होता है।

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अनीस बज़मी ने कहानी और screenplay के लिए आकाश कौशिक को चुना था, आकाश इससे पहले Flying Jatt लिख चुके थे। इनके इतिहास को इग्नोर करें तो भी इस फिल्म के बाद भविष्य खतरे में नज़र आ रहा है। इस बार आकाश ने कहानी अच्छी बनाई थी लेकिन स्क्रीनप्ले जाने कौन सा धनिया सूंघ कर लिखा था कि हँसाए या डराए में confuse होकर दोनों ही काम ठीक से नहीं कर पाए।

रही-सही कसर अनीस बज़मी के शानदार direction ने पूरी कर दी। भूतनी का कोई ईमान धरम ही नहीं है भाईसाहब, कभी plates तोड़ने लगती है तो कभी ढोलक बजाने लगती है। ज़ोर से डांट दो तो तबला भी बजाने लगती है। और तो और, राजपाल यादव जैसे भले मानुस को, hulk की तरह एड़ी पकड़कर उठा लेती है और सड़क पर loki बनाकर चार-छः बार पटक देती है। लेकिन कार्तिक आर्यन पास आए तो उसे नहीं मारती, उससे तो अपने चेहरे से बाल हटवाती है, मरने के बाद भी ठाकुरों की चुड़ैल अमीर गरीब में भेदभाव करती है, हुँह!

Bhool bhulaiyaa 2 से सीखिए अच्छे actors को भोंपू कैसे बनाया जाता है

अनीस ने artists का अलग से सत्यानाश किया है। अश्विनी कलसेकर, राजपाल यादव और खासकर संजय मिश्रा की इतनी ज़बरदस्त acting के बावजूद characters की band बजाई है, ऐसा घटिया direction की फिल्म पर नहीं, बेहूदगी पर हँसी आती है।

कबतक हम संजय मिश्रा को आधा बहरा बने कॉमेडी करते देखते रहेंगे? रोहित शेट्टी से पेट नहीं भरा क्या हमारा?

Dialogues फरहाद सामजी ने लिखे हैं जो कुछ जगह वाकई असरदार हैं।

बाली किल्ली कूद पड़ी
बुरा मानो तो एक बात कहूँ
सुनों बेटा ज़रा लालटेन दिखाना, हम चोरी करके जा रहे हैं (संजय मिश्रा)

ऐसे दो-एक dialogues हँसाते हैं। बाकी ज्यादातर फिल्म में कॉमेडी ठूसी हुई है।

ऐक्टिंग के मामले में कार्तिक आर्यन एक बार फिर चंट frustrated over actor बनकर उभरे हैं। हालाँकि climax में उनका डांस भी अच्छा है, और कुछ एक जगह comic timing पर भी उन्होंने तरस खाया है।

लेकिन कार्तिक को एक बात अच्छे से समझनी चाहिए थी, अक्षय कुमार कोई बहुत अच्छे actor नहीं हैं और copy हमेशा अच्छे actor की करनी चाहिए। अक्षय जो कर गुज़रे हैं bhool bhulaiyaa में, वो काम अक्षय खुद दोबारा नहीं कर सकते।

किआरा आडवाणी, उफ़, उस गुलाबों पर तो किसी का भी दिल आ जाए। कियारा पर पर भूतनी का मेकअप भी MET GALA की actresses से ज़्यादा अच्छा लगता है।

राजेश शर्मा से डायरेक्टर ने बहुत लाउड acting करवाई तो मिलिंद गुनाजी (अरे वही, देवदास में ऐश्वर्या के ठरकी दामाद) का भोकाल इतना बनाया कि ताऊजी डाँटेंगे, ताऊजी डाँटेंगे, पर उनको ठीक से dialogue ही न दिए।

बस तब्बू! वाह तब्बू! उफ्फ़-उफ्फ़ तब्बू! विद्या बालन को acting में टक्कर देने के लिए अनीस बज़मी ने perfect cast चुनी। तब्बू हमेशा से भी बढ़िया acting करती नज़र आई हैं। उनके मुँह से तो बंगाली भी खूब ‘भालो’ लगती है।

गोल मोल बच्चे पोटलु बने सिद्धांत घेगड़मल ने भी इस bhool bhulaiyaa कमाल का काम किया है।

बाकी horror फिल्म है तो Effects का जिक्र भी जरूरी है। तब्बू को जवान बनाने के लिए चेहरे पर इतना CGI लगाया गया है कि वो पहचान में नहीं आ रही हैं। जो फिल्म की चुड़ैल है (नहीं बताऊँगा कौन) उसके चेहरे पर डेढ़ किलो plaster of paris उर्फ POP लगाकर दो मुक्के मारकर चटका दिया है, यूँ जो तरेड़ पड़ी है, उसी से horror बनाने की बड़ी comic कोशिश की गई है।

Background Music कहीं कहीं बहुत loud है। दो romantic गाने बेहद वाहियात है, हनी सिंह को revive करने के लिए पूरी industry उन्हें मौका दे रही हैं पर वो खुद को मौका देकर retirement क्यों नहीं ले रहे हैं, ये समझ से परे है।

हाँ, समीर का लिखा, आमी जे तुमार, शुधो जी तुमार’ के साथ न्याय हुआ है. इस गाने को सुनना अपने आप में एक सुकून है. गनीमत है अनीस बज़मी ने हमसे ये सुकून नहीं छीना.

अब इस फिल्म की एडिटिंग से जुड़ा एक काल्पनिक किस्सा मैं बताता हूँ। हुआ यूँ होगा कि फिल्म एडिट करने बैठा आदमी, हाथ में कैची लिए लिए सो गया होगा! जब जागा तो उसने झट से climax जोड़ा और कहानी पूरी कर दी।

आकाश कौशिक ने climax का suspense अच्छा लिखा है, पर फिर से, screenplay कमज़ोर है इसलिए lead कलाकार को अचानक से बंगाली कैसे आ गई, इसकी कोई एक्स्प्लनैशन नहीं है।

कुलमिलाकर bhool bhulaiyaa 2 जल्दबाज़ी में बनाई गई एक ऐसी खिचड़ी है जिसमें मसाले बढ़िया पड़े हैं तो नमक नहीं है, चावल गल गए हैं पर दाल कच्ची है, घी तो पड़ा है लेकिन पानी इतना ज़्यादा हो गया है कि soupi noodles बन गई है। वो bhool bhulaiyaa कॉमेडी के साथ अच्छा psychological थ्रिलर थी, पर Bhool bhulaiyaa 2 को पहले ही सीन से भूतिया बनाने की कोशिश की गई है और ये भूतिया फिल्म सुबह सुबह मेरा चु** बना चुकी है।

बहरहाल,

तो देखने की वजह – OTT पर आए तो टाइम पास के लिए Bhool bhulaiyaa देख सकते हैं, कार्तिक आर्यन ने जबर चुम्मी ली है, उसके लिए भी forward करके देखी जा सकती है और सिर्फ तब्बू के लिए भी फिल्म one time watch हो सकती है, पर पैसे खर्च करके नहीं!

क्यों न देखें – क्योंकि आपका पैसा और समय कीमती है और अगर आप शादीशुदा हैं तो तब्बू कियारा के लिए भी ऐसी भूतिया Bhool Bhulaiyaa देखने की कोई ज़रूरत नहीं, ज़्यादा मन हो तो अपनी पत्नी को face pack लगाए रात में देख लें!

Review कैसा लगा ये आप मुझे ज़रूर बताएं, like और subscribe का button यहाँ है ही नहीं इसलिए दोस्तों के साथ शेयर करते चलें। इस वीकेंड आप ये फिल्म देखने वाले थे तो शुक्र मनाइए कि आपके 500 रुपए बचे! नहीं नहीं, उसमें से आधे पैसे मैं नहीं मांग रहा हूँ, बस आप शेयर कर दें, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक ये review पहुँचा दें, यही इस जटाधारी की दक्षिणा है।

पढ़िए फिल्म धाकड़ का जोरदार रिव्यु –

Dhaakad Review: नाम रख लेने से फिल्म धाकड़ नहीं हो जाती

Rating 3.5/10*

सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’

 


सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'

मैं सिद्धार्थ उस साल से लिख रहा हूँ जिस साल (2011) भारत ने वर्ल्डकप जीता था। इस ब्लॉगिंग के दौर में कुछ नामी समाचार पत्रों के लिए भी लिखा तो कुछ नए नवेले उत्साही डिजिटल मीडिया हाउसेज के लिए भी। हर हफ्ते नियम से फिल्म भी देखी और महीने में दो किताबें भी पढ़ी ताकि समीक्षाओं की सर्विस में कोई कमी न आए।बात रहने की करूँ तो घर और दफ्तर दोनों उस दिल्ली में है जहाँ मेरे कदम अब बहुत कम ही पड़ते हैं। हालांकि पत्राचार के लिए वही पता सबसे मुफ़ीद है जो इस website के contact us में दिया गया है।

18 Comments

  1. APOORVA BUDHOLIA
    May 20, 2022 @ 2:22 PM

    भूल भुलैया 1 कई नहीं सिर्फ 1 ही फिल्म के कई रिमेक्स का मिश्रण थी, original मलयालम थी, बाकी अलग अलग साउथ भाषाओं में थी

    Reply

  2. ANKUR SRIVASTAVA
    May 20, 2022 @ 2:28 PM

    Review to bahut hi Achcha h as usual apart from this 20th para m kiara ki tareef wala Gulabo Roses wala sense de rha h…..instead Gulabbo hota to behtar lgta.
    Thanks from posting

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  3. Pawan Pareek
    May 20, 2022 @ 2:35 PM

    धन्यवाद ₹500 बचाने के लिए😂🤣

    Reply

  4. Kanwal Sharma
    May 20, 2022 @ 3:10 PM

    The advance bookings were very good and film might just be a mass entertainer. Will make profits for sure.

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  5. Kumari Bhawna
    May 20, 2022 @ 6:24 PM

    धन्यवाद हमारे लिए इतनी मेहनत की आपने, संडे खराब होने से बच गया मेरा… 😄💐

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  6. Ravi Yadav
    May 20, 2022 @ 7:56 PM

    Nice review

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  7. Soma
    May 20, 2022 @ 8:54 PM

    हां हां हां… रिव्यू पढ़कर मज़ा आ गया। फिल्म अभी देखने का इरादा त्याग कर ओ टी टी में आने का इंतजार करेंगे।

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  8. Neeraj Mishra
    May 20, 2022 @ 8:55 PM

    सहर भाई आपकी समीक्षा पढकर तो ये शेर याद आ गया। – बहुत शोर सुनते थे खूने दिल का, जी चीरा तो कतरा ए खूं भी ना निकला।
    ऐसे ही चलता रहा तो कया होगा बालीवुड का ? आप इंडस्ट्री को समझते है हमलोगो से बेहतर । तो कुछ लिखिये बालीवुड के भविष्य पर , बाकी समीक्षा सुपर टाप 👏👏👏👌👌👌

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  9. Jayshree Das
    May 21, 2022 @ 4:18 PM

    Thanku🤣🤣
    वैसे मै आजकल bollywood movies, पर पैसे बर्बाद नही करती,…

    Reply

  10. हीरा वर्मा
    May 23, 2022 @ 5:01 PM

    जय रूह बाबा🤘

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