धरती के वीर सपूत Prithviraj चौहान की शौर्य गाथा निडर और मुखर शेर सिंह राणा के बिना अधूरी रहती क्योंकि शेर सिंह राणा ही है जो अफगानिस्तान में जाकर पृथ्वीराज के अवशेष भारत भूमि पर लाए थे।
यशराज फिल्म्स की मच अवेटेड फिल्म Prithviraj 3 जून 2022 के दिन नज़दीकी सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है। इसे डॉक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने डायरेक्ट किया है है। अक्षय कुमार, संजय दत्त, आशुतोष राणा, सोनू सूद, मानव कौल और मानुषी छिल्लर मल्टीस्टारर स्टार कास्ट इस फिल्म में नजर आएंगे।
पिछले साल यशराज फिल्म्स ने Prithviraj का फर्स्ट लुक जारी कर दिया है। फ़िल्म को लेकर विरोध भी हो रहा है। करणी सेना की फ़िल्म निर्माताओं से कुछ मांगे है। कई बार फ़िल्म सेट्स पर विजिट कर चुके है। डॉक्टर साब ने करणी सेना को विश्वास दिलाया है कि कंटेंट में जो सोर्स लिए गए है, वे पहले कभी दर्शकों के बीच नहीं रखे गए। फ़िल्म में ऐसा कुछ नहीं है जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचे।
Prithviraj डॉक्टर द्विवेदी का ड्रीम प्रॉजेक्ट है। फ़िल्म का शेप देने के लिए ख़ूब पापड़ बेलने पड़े। इस प्रॉजेक्ट की शुरुआत सनी देओल और ऐश्वर्या राय बच्चन के नाम के साथ बोर्ड पर हुई लेकिन मामला जमा नहीं, लेखक-निर्देशक द्वारा पुरज़ोर कोशिश करने के बाद आखिर में आदित्य चोपड़ा ने दिलचस्पी दिखलाई। लेकिन वक्त के साथ मुख्य किरदार बदल गए। अक्सर ऐसा होता है। इसके पीछे कारण हो सकता है कि जितने भी पीरियड परिवेश वाले कंटेंट रहते है। फ्लोर पर शूटिंग में वक्त लगता है। निर्माता को ऐसे कलाकार की दरकार थी जो क्राउड पुलर हो और फ़िल्म को जल्द निपटा दे।
इस फॉर्मेट में अक्षय कुमार के अलावा कोई दूसरा चेहरा दूर तलक दिखाई नहीं देता है क्योंकि अक्षय तीन महीने में एक प्रॉजेक्ट को खत्म कर देते है। Prithviraj चौहान के साथ मिलन भी 110 दिनों में पैकअप कर दिया और ये मुलाकात ही अक्षय के करियर की सबसे लंबी दर्ज हुई है क्योंकि इससे अधिक वक्त अक्षय ने दूसरी फ़िल्मों को नहीं दिया। तभी अक्षय किरदारों को ओरिजनल लुक नहीं देते है क्योंकि एक वक्त में उनके इर्दगिर्द तीन से चार किरदार कतार में खड़े होते है। तो ऐसे माहौल में किसी एक किरदार की डीपली डिमांड पूरा नहीं कर सकते है। सेट पर पहुँचे। उक्त किरदार का मेकअप लिया और कहानी में घुस गए।
काम खत्म, किरदार वही सेट पर छोड़ा। दूसरे से मिलने पहुँच गए। किसी किरदार को घर लेकर नहीं गए। न किसी के लिए स्पेशल मेहनत की। क्योंकि इतने में उनके दो कंटेंट पूरे हो जाते है। जब सीधी उंगली से काम चल रहा है। तो टेरी क्यों करें।
हालांकि फ़िल्म बड़े स्केल पर शूट हुई है। किरदारों के लुक व प्रोडक्शन डिजाइन भी अच्छा लग रहा है। परन्तु अक्षय कुमार का पृथ्वीराज अवतार साफ़ तौर पर बनावटी दिख रहा है। मूछें चिपका थी, लगता है अच्छे से वीर योद्धा से मिलने की तैयारी नहीं हुई है। इसका कारण कलाकार जब तक सम्बंधित किरदार के अनुसार बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन नहीं करता है। तब तक दोनों के बीच का गैप भरता नहीं है। दरार आखिर तक रहती है।
इधर, डॉक्टर द्विवेदी यशराज फिल्म्स के ध्वज तले अक्षय कुमार के साथ पृथ्वीराज को 70एमएम पर लेकर निकलने वाले है। तो वही, पिछले दिनों टॉयलेट प्रेम कथा फेम श्री नारायण सिंह विद्युत जामवाल के साथ पंकज सिंह पुंडीर यानी शेर सिंह राणा को सिल्वर स्क्रीन पर लाने की घोषणा की है।
दरअसल, धरती के वीर सपूत Prithviraj चौहान की शौर्य गाथा निडर और मुखर शेर सिंह राणा के बिना अधूरी रहती क्योंकि शेर सिंह राणा ही है जो अफगानिस्तान में जाकर पृथ्वीराज के अवशेष भारत भूमि पर लाए थे। ये बॉयोपिक थ्रिलर शेप में आएगी क्योंकि शेर सिंह की कहानी भी कम थ्रिल भरी नहीं है। 2004 में भारत के गौरव Prithviraj चौहान के अवशेषों को लेने के लिए तिहाड़ जेल को चमका देकर निकले थे, सटीक रणनीति के तहत जेल की उच्चस्तरीय सुरक्षा को भेद डाला। फूलन देवी को गोली मारने के कारण जेल में बंद थे।
ऐसा कदम उठाने के लिए कलेजा चाहिए। दूसरे देश में जाकर अपने देश के शौर्य को लेकर आए।
शेर सिंह राणा की हैरतअंगेज कहानी को सुनकर उनकी बॉयोपिक के लिए जेहन में एक ही कलाकार उभर के सामने आते है विद्युत जामवाल। वाक़ई निर्माता-निर्देशक ने बेहतरीन चुनाव किया है। ताकि इस बॉयोपिक को अच्छा शेप व थ्रिल मिल सके। क्योंकि विद्युत की तरह फुर्तीला कोई दूसरा कलाकार नजर नहीं आता है।
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सिनेमाई दुनिया में सबसे पहले Prithviraj चौहान आएंगे। शौर्य का जौहर होगा। उसके बाद भारत की धरोहर को पुनः भारत की मिट्टी से मिलवाने वाला शेर आएगा। तभी पृथ्वीराज चौहान की गाथा पूर्ण होगी।
ये लेखक के निजी विचार हैं।